अमृतसर. साहिब-ए-कमाल दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के विवाह पर्व के अवसर पर आज गुरुद्वारा गुरु का महल भोरा साहिब से एक विशाल नगर कीर्तन निकाला गया। यह नगर कीर्तन जयकारों और नगाड़ों की गूंज के बीच, पंच प्यारे और पांच निशान सिंहों की अगुवाई में, श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की छत्र-छाया में प्रारंभ हुआ। नगर कीर्तन विभिन्न मार्गों से होते हुए देर शाम गुरुद्वारा श्री आनंदकारज साहिब, गुरु का लाहौर में संपन्न होगा।

बसंत पंचमी पर हुआ था गुरु गोबिंद सिंह जी का विवाह


गुरु गोबिंद सिंह जी का विवाह बसंत पंचमी के दिन माता जीतो जी से संपन्न हुआ था। इस पावन अवसर को मनाने के लिए हर वर्ष लाखों श्रद्धालु गुरु का लाहौर पहुंचते हैं।

गुरु जी ने आनंदपुर साहिब में बसाया ‘गुरु का लाहौर’


ऐतिहासिक रूप से, लाहौर निवासी हरजस की सुपुत्री बीबी जीतो जी से गुरु गोबिंद सिंह जी का विवाह 23 हार, संवत 1734 में तय हुआ था। माता जीतो जी के पिता चाहते थे कि गुरु जी अपनी बारात लेकर लाहौर (अब पाकिस्तान) आएं, लेकिन उस समय गुरु जी श्री आनंदपुर साहिब में महत्वपूर्ण कार्यों में व्यस्त थे, जिससे उनका लाहौर जाना संभव नहीं था।

गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने ससुर को आश्वासन दिया कि वे यहीं लाहौर बसा देंगे। गुरु जी ने आनंदपुर साहिब से 18 किलोमीटर उत्तर की ओर एक भव्य नगर बनाने का आदेश दिया, जो लाहौर के समान ही निर्मित किया गया। जब यह नगर बनकर तैयार हुआ, तो इसे ‘गुरु का लाहौर’ नाम दिया गया। इसी कारण गुरु जी का विवाह पर्व यहीं मनाया जाता है, और बसंत पंचमी के दिन लाखों श्रद्धालु यहां मत्था टेकने पहुंचते हैं।

Guru Gobind Marriage Festival

नगर कीर्तन का भव्य आयोजन

आज नगर कीर्तन का शुभारंभ तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी सुल्तान सिंह की अरदास से हुआ। बड़ी संख्या में श्रद्धालु नगर कीर्तन में शामिल होकर गुरु घर की खुशियां प्राप्त कर रहे हैं। इस अवसर पर विभिन्न प्रकार के लंगर और मीठे पकवानों का आयोजन किया गया।

यह नगर कीर्तन श्री आनंदपुर साहिब के विभिन्न बाजारों से गुजरते हुए देर शाम गुरुद्वारा सिहरा साहिब पहुंचेगा। वहां से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के स्वरूप को एक सुंदर पालकी साहिब में विराजमान कर मोढ़ों पर उठाते हुए गुरुद्वारा श्री आनंद कारज साहिब, गुरु का लाहौर ले जाया जाएगा, जहां नगर कीर्तन का समापन होगा।