अजयारविंद नामदेव, शहडोल. आदिवासी बाहुल्य जिले शहडोल में शासकीय स्कूलों के हालत बद से बत्तर होते जा रहे हैं. आलम ये है कि शिक्षक बिना बताए लंबे समय से स्कूल नहीं आ रहे हैं, जिससे न केवल छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. बल्कि उनका भविष्य में खतरे में है. शासकीय प्राथमिक विद्यालय धनपुरी बाजार में पदस्थ शिक्षक लंबे समय से नदारद है. इतना ही नहीं जब उनका मन होता है तब स्कूल आकर अटेंडेंस रजिस्टर से छेड़छाड़ कर अनुपस्थित के जगह पर उपस्थिति दर्ज कर चले जाते हैं. स्कूल का निरीक्षण करने आए अधिकारी ने इस फर्जीवाड़ा का खुलास करते हुए कार्रवाई की बात की है.

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बता दें कि शासकीय प्राथमिक विद्यालय धनपुरी बाजार में प्राथमिक शिक्षक कैंपस पर पदस्थ शिक्षक विनोद कुमार द्विवेदी मनमाने तरीके से स्कूल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. शिक्षक का जब मन पड़ता तब स्कूल आते हैं, अन्यथा लंबी छुट्टी मारकर स्कूल से नदारद रहते हैं. इतना ही नहीं शिक्षक लंबी छुट्टी के बाद जब स्कूल आते हैं तो रजिस्टर में छेड़छाड़ करते हुए अनुपस्थित के जगह पर उपस्थिति दर्ज कर शासन से हर माह मोटी रकम वसूल रहे हैं. शहडोल जिले में यह कोई पहला मामला नहीं, बल्कि कई ऐसे शासकीय स्कूल के शिक्षक हैं जो स्कूल जाते ही नहीं हैं और उनका पूरे माह उपस्थित दर्ज रहती है. शायद यही कारण है कि शासकीय स्कूलों का शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है.

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स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे डीपीसी अमरनाथ ने जब शिक्षकों के उपस्थित रजिस्टर चेक किया तो इस बात का खुलासा हुआ. शिक्षक विनोद कुमार द्विवेदी कभी सीएल भी दर्ज के खुद का बचाव कर लेते हैं. वहीं डीपीसी ने निरीक्षण के बाद छात्रों से हिंदी की पुस्तक पढ़ाई और गणित के सरल सवाल जैसे जोड़ घटाना पूछा. जिस पर बच्चों में जवाब नहीं दे पाए. ऐसे में डीपीसी ने नाराजगी जताते हुए नदारद रहने वाले शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की बात कही.

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