नई दिल्ली। ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन (AIIA) के प्रमुख मौलाना साजिद रशीदी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने बताया है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुसलमानों के मन में भगवा पार्टी के प्रति डर को दूर करने के लिए भाजपा के पक्ष में अपना वोट दिया है.
मौलाना साजिद रशीदी ने कहा कि उन्होंने विपक्षी दलों को बेनकाब करने के लिए यह वीडियो वायरल किया है, जो कहते हैं कि मुसलमान भाजपा को हराने के लिए वोट करते हैं. वीडियो में रशीदी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “मुसलमानों के मन में यह बात बैठा दी गई है कि अगर भाजपा सत्ता में आई, तो उनके अधिकार छीन लिए जाएँगे. इसलिए, मैंने मुसलमानों के मन से यह डर निकालने के लिए (भाजपा को) वोट दिया है. ”
भाजपा के राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने हैंडल पर यह वीडियो शेयर किया है, जिसमें लिखा है, “ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के भाजपा साजिद रशीदी ने कहा कि उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट दिया. यह कोई अलग-थलग मामला नहीं है, और तथाकथित ‘धर्मनिरपेक्ष’ पार्टियों को चिंतित होना चाहिए अगर मुसलमान भी बड़े पैमाने पर भाजपा का समर्थन करना शुरू कर दें.
रशीदी ने अपने वीडियो में आगे कहा, “अगर इस बार दिल्ली में भाजपा की सरकार बनती है, तो मैं मुसलमानों से कहूंगा कि अगर भगवा पार्टी पांच साल में मेरे किसी अधिकार को छीनती है, तो मैं उसे भी उजागर करूंगा. “
AIIA अध्यक्ष ने कहा कि अपने समुदाय के मन में डर को मिटाने की इच्छा ने उन्हें वीडियो बनाने के लिए प्रेरित किया. वे (मुसलमान) देश में कब तक डर के साथ रह सकते हैं?
यह स्वीकार करते हुए कि कथित डर कुछ भाजपा नेताओं द्वारा दिए गए भाषणों के कारण है, उन्होंने कहा कि यह विपक्षी दलों के कारण है जो मुस्लिम समुदाय को डराने की कोशिश करते रहते हैं. “मैंने न तो भाजपा के सामने आत्मसमर्पण किया है, न ही मैं पार्टी में शामिल होने की योजना बना रहा हूं. इसलिए, अगर भगवा पार्टी की नीतियां देश और मेरे धर्म के खिलाफ जाती हैं, तो मैं इसके खिलाफ बोलने के लिए तैयार हूं. मेरा एकमात्र इरादा अपने समुदाय के मन से भाजपा के डर को दूर करना है.”
उन्होंने कहा कि भाजपा पर अपने विचार साझा करने के कारण उन्हें धमकियाँ मिल रही हैं. लोग उन पर भगवा पार्टी से हाथ मिलाने का आरोप लगाते हैं, लेकिन वह अपने खिलाफ़ लगे ऐसे सभी आरोपों को नकारते हुए कहते हैं कि अपने इस कदम के बारे में कभी किसी भाजपा नेता से बात नहीं की, न ही वह किसी से मिले. उन्होंने कहा, “अगर मुसलमान भाजपा को वोट देते हैं, तो उन्हें इसकी नीतियों के खिलाफ़ सवाल उठाने का अधिकार है, अगर कुछ भी उनके खिलाफ़ जाता है.”