मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन(Hemant Soren) की आचार संहिता उल्लंघन मामले में गुरुवार को झारखंड हाइकोर्ट(Jharkhand Highcourt) में क्रिमिनल रिट याचिका पर सुनवाई हुई. हाईकोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से समय देने की मांग की गई. सरकार के आग्रह को अदालत ने स्वीकार करते हुए समय दिया और मामले में पहले से ही पारित अंतरिम आदेश (स्टे) को बरकरार रखा. इस मामले की अगली सुनवाई आठ सप्ताह के बाद होगी. जैसा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिट याचिका दी है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी याचिका में कहा कि 2014 में चुनाव के दौरान वह अपनी पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने गए थे, जिसमें आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया गया था, इसलिए कोर्ट ने पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी. पश्चिम सिंहभूम की निचली अदालत में इस मामले की सुनवाई चल रही है. पीड़ित ने अदालत में चल रही कार्रवाई पर रोक लगाने और उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को खारिज करने का आग्रह किया है.
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मामला दस साल पुराना है और इसमें झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था. आज, एक दशक बाद भी मामला कोर्ट में चल रहा है, और कोर्ट ने हेमंत सोरेन के खिलाफ किसी तरह की पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाते हुए मामले की अगली तारीख बता दी है, जो 56 दिनों के बाद होगी.
हेमंत सोरेन ने याचिका में क्या कहा
झारखंड हाई कोर्ट में हेमंत सोरेन की याचिका में मांग की गई थी कि उन्हें इस मामले में जवाब देने के लिए आठ सप्ताह का समय दिया जाए. कोर्ट ने हेमंत सोरेन की मांग को स्वीकार करते हुए उन्हें आठ सप्ताह का समय दिया. इसके बाद, हेमंत सोरेन ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है.
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