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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कांग्रेस का प्रदर्शन इस बार भी शर्मनाक रहा। पार्टी एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर सकी। बीते दो चुनावों 2015 और 2020 में खाता नहीं खोल पाने वाली देश की सबसे पुरानी पार्टी का एक बार फिर सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस जीरो सीट पर ही सिमट गई। यानी दिल्ली विधानसभा में इस बार भी कांग्रेस का कोई विधायक नजर नहीं आएगा। लेकिन क्या आप जानते है सिर्फ दिल्ली ही नहीं भारत के कई बड़े राज्यों के विधानसभा में भी कांग्रेस के एक भी विधायक नहीं है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का लगातार तीसरी बार प्रदर्शन खराब रहा है। पार्टी एक बार फिर अपना खाता खोलने में नाकाम रहीं। इतना ही नहीं कांग्रेस के 70 में से 67 प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। दिल्ली विधानसभा में इस बार भी कांग्रेस नेता नजर नहीं आएंगे। ये बात तो दिल्ली की है, लेकिन भारत के कुछ अन्य राज्यों के विधानसभा में भी कांग्रेस विधायकों की संख्या शून्य है। इनमें आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्य हैं।
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आंध्र विधानसभा में 175 सीट, कांग्रेस जीरो
मई, 2024 में आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए थे। कांग्रेस पूरी मजबूती से मैदान में उतरी थी, लेकिन पार्टी को एक भी सीटों पर जीत नहीं मिल सकी। पार्टी के ज्यादातर प्रत्याशी या तो तीसरे नंबर पर रहे या जमानत जब्त करवा बैठे। आंध्र प्रदेश में एनडीए गठबंधन के पास 164 विधायक है। वहीं विपक्षी वाईएसआर के पास 11 विधायक हैं।
पश्चिम बंगाल में भी कांग्रेस शून्य
पश्चिम बंगाल विधानसभा में 294 सीट है। साल 2021 के मई महीने में विधानसभा चुनाव हुए थे। कांग्रेस यहां लेफ्ट फ्रंट के साथ मैदान में उतरी थी, लेकिन उसे जीत नहीं मिल पाई। बंगाल में पहली बार कांग्रेस जीरो पर सिमट गई। 2022 में मुर्शिदाबाद के सागरदिघी सीट पर कांग्रेस को जीत भी मिली, लेकिन विधायक तृणमूल में शामिल हो गए। इसके बाद अब तक बंगाल में जितने भी उपचुनाव हुए हैं, उसमें कांग्रेस को जीत नहीं मिल पाई है। बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार है और पार्टी के पास 224 विधायक हैं। वहीं विपक्ष में बैठी भाजपा के पास 66 विधायक हैं।
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सिक्किम में 32 सीटें, सभी पर NDA का कब्जा
सिक्किम में विधानसभा की कुल 32 सीटें हैं। कांग्रेस के पास सिक्किम की एक भी सीट नहीं है। सिक्किम में भी कांग्रेस शून्य पर ही खड़ी है। सिक्किम की सभी 32 सीटों पर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा का कब्जा है। एसकेएम बीजेपी के साथ यहां पर गठबंधन में है।
नगालैंड में भी हाथ खाली
नगालैंड में विधानसभा की कुल 60 सीटें हैं। फरवरी 2023 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को यहां एक भी सीटों पर जीत नहीं मिल पाई थी। नगालैंड में एनडीपीपी के पास 25, भाजपा के पास 12, एनसीपी के पास 7, एनपीपी के पास 5, एलजेपी (आर) के पास 2, आरपीआई के पास 2 विधायक हैं। इसके अलावा एनपीएफ के पास 2 और 5 निर्दलीय विधायक नगालैंड में हैं।
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पूर्वोत्तर के 3 राज्यों में एक-एक सीट
अरुणाचल विधानसभा में कुल 60 सीटें हैं। यहां एनडीए के पास 59 सीट और कांग्रेस के एक विधायक है। मेघालय और मिजोरम में भी कांग्रेस के पास एक-एक विधायक हैं। इसके अलावा पुडुचेरी और मणिपुर में कांग्रेस के दो-दो विधायक है।
दिल्ली में BJP 48, AAP 22 और कांग्रेस शून्य
आपको बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी ने 70 सीटों में से 48 तो वहीं आम आदमी पार्टी ने 22 सीटों पर जीत दर्ज की है। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने विधानसभा चुनाव में AAP की करारी हार के एक दिन बाद रविवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। आतिशी के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल ने विधानसभा को भंग कर दिया है। अब नई सरकार का गठन होगा।
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