निशांत राजपूत, सिवनी। मध्य प्रदेश के सिवनी से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जहां शासकीय अनुसूचित जनजाति कन्या इंग्लिश मीडियम कन्या परिसर में एक महिला टीचर नन्ही-नन्ही छात्राओं से अपने पैर दबवा रही है। जिसका वीडियो कक्षा में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। सामने आए वीडियो में टीचर जमीन पर दरी बिछाकर बैठी नजर आ रही है। वहीं, स्कूल के बच्चे महिला टीचर के पैर दबाते दिख रहे हैं। 

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वहीं दूसरे वीडियो में टीचर कुर्सी में बैठी नजर आ रही है,और छात्राएं टेबल के नीचे बैठकर पैर दबा रहे हैं। जब छात्राओं ने इसकी जानकारी अभिभावकों को दी तो वे स्कूल पहुंचे। जब परिजनों ने मैडम से इस बारे में सवाल किया तो, वे उल्टा उन पर ही भड़क उठी। इस तरह की घटना से नवाबी मैडम ने साफ इनकार कर दिया। 

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हालांकि जब बच्चियों के परिजनों ने उन्हें पैर दबवाने का वीडियो दिखाया तो मैडम का जवाब आया कि ज्यादा से ज्यादा प्रशासन मुझे यहां से कहीं और स्थानांतरित करेगा। अब देखना होगा कि शिक्षा विभाग और प्रशासन इस मामले में दोषी महिला टीचर पर क्या कार्रवाई करता है।

उमंग सिंघार ने साधा निशाना 

शिक्षिका का वीडियो वायरल होने के बाद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी निशाना साधा है। उन्होंने X पर लिखा कि सिवनी में आदिवासी छात्रावास में छोटी बच्चियों से पैरों की मालिश करवाती शिक्षिका का वीडियो बेहद शर्मनाक है! पैर दबवाने वाली सुजाता मरके पहले भी निलंबित हो चुकी हैं, फिर भी ट्राइबल विभाग में नियम विरुद्ध प्रतिनियुक्ति क्यों की जा रही हैं?

भाजपा सरकार में आदिवासियों का सम्मान तो कभी नहीं हुआ, अब देवी समान बेटियों का भी अपमान किया जा रहा है।आखिर आदिवासी बच्चों के साथ यह शोषण कब रुकेगा? मोहन सरकार को इस मामले में दोषियों पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए!

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