सत्या राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ में पुस्तक घोटाला मामले की जांच पूरी होने के बाद अब लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) एक्शन के मूड में है. घोटाले की जांच रिपोर्ट में संलिप्त पाए गए राजनांदगांव, सूरजपुर, धमतरी, जशपुर के जिले के शिक्षा अधिकारी और कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. साथ ही सभी से 7 दिन के भीतर जवाब मांगा है.

जारी नोटिस के मुताबिक, लोक शिक्षण संचालनालय ने सूरजपुर डीईओ राम ललित पटेल, राजनांदगांव तत्कालीन प्रभारी डीईओ अभय कुमार जायसवाल, जशपुर डीईओ प्रमोद कुमार भटनागर, राजनांदगांव तत्कालीन प्रभारी डीईओ आदित्य खरे( वर्तमान सहायक संचालक डीईओ कार्यालय राजनांदगांव) , धमतरी डीईओ टीआर जगदल्ले, सरोज खलखो सहायक संचालक कार्यालय जशपुर और अन्य जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों को नोटिस जारी हुआ है. इन सभी को नोटिस में कहा गया है सात दिन के अंदर जवाब नहीं देने पर एकतरफ़ा कार्रवाई की जाएगी.

जानिए क्या है मामला

बता दें कि रायपुर के सिलियारी स्थित पेपर मिल के कबाड़ में लाखों किताबें मिली थी. इनमें सरकार की ओर से प्रदेश के सभी स्कूलों में बांटी जाने वाली किताबें भी शामिल थी. सभी किताबें इसी सत्र की थी. इस मामले का उजागर पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने किया था. इस मामले को लेकर उपाध्याय ने फैक्ट्री के सामने धरना देकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार ने किताबें खरीदीं और बिना बांटे ही बेच दीं. मामले में सियासत तेज होने के बाद सरकार ने अपर मुख्य सचिव रेणुपिल्ले को जांच की जिम्मेदारी दी थी. जांच करने के बाद रेणु पिल्ले ने 1045 पेज की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. जिसके बाद अब कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है.

देखिये नोटिस की कॉपी-