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सोहराब आलम/पूर्वी चंपारण: मणिपुर में 13 फरवरी गुरुवार की रात करीब साढ़े आठ बजे आपसी विवाद के चलते सीआरपीएफ कैंप में हुई अंधाधुंध फायरिंग की घटना में शहीद हुए जवान रवि रंजन का पार्थिव शरीर शनिवार को उनके पैतृक गांव, पहाड़पुर प्रखंड के पूर्वी सिसवा, वार्ड नंबर 1 में पहुंचा. जवान का शव गांव पहुंचते ही मातम का माहौल छा गया. परिवार का रो-रोकर बुरा हाल था. वहीं, अंतिम दर्शन के लिए ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. शहीद के अंतिम दर्शन के लिए गांव के अलावा आसपास के क्षेत्रों से भी लोग पहुंचे थे. सभी की आंखें नम थीं और माहौल गमगीन हो गया था.
मदद का भरोसा
ग्रामीणों के साथ-साथ कई राजनीतिक दलों के नेता भी मौके पर पहुंचे और शहीद जवान को श्रद्धांजलि अर्पित की. राजनीतिक नेताओं ने जताई संवेदना शहीद रवि रंजन के घर पहुंचकर कांग्रेस जिलाध्यक्ष ई० शशि भूषण राय उर्फ गप्पू राय ने उनके पिता राजाराम प्रसाद से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया. उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे जिले के लिए एक बड़ी क्षति है. वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी शहीद के परिजनों से फोन पर बात कर गहरी संवेदना व्यक्त की और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया.
शोक की लहर
गांव में गम का माहौल शहीद का शव पहुंचते ही पूरे गांव में मातम पसर गया. ग्रामीणों का कहना था कि रवि रंजन बचपन से ही बहादुर थे और देश की सेवा का सपना देखते थे. उनकी शहादत पूरे गांव के लिए गर्व की बात है, लेकिन उनकी इस तरह अकस्मात मौत से हर कोई स्तब्ध है. गौरतलब है कि मणिपुर में सीआरपीएफ कैंप के भीतर हुई इस फायरिंग में दो जवानों की मौत हो गई थी और आठ जवान घायल हुए थे. इस घटना से सीआरपीएफ सहित पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है.
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