हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने पूर्व उद्योगपतियों के साथ संवाद के दौरान कहा कि बहुत सारी इन्वेस्टर समिट होती है, पर इवेंट बनकर रह जाती हैं। लेकिन यह समिट इवेंट बनकर नहीं रहेगी। हमारा टारगेट है कि 20 लाख युवाओं को रोजगार मिल सके। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में 6 इन्वेस्टर समिट आयोजित हुई थी। अब कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का किस ओर इशारा है, यह समझने वाली बात है।
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शिवराज सरकार की नीतियों पर भी उठाए सवाल
हालांकि कैलाश विजयवर्गीय ने बिना नाम लिए शिवराज सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब वे उद्योग मंत्री थे, तब इन्वेस्टर्स की समस्याओं को करीब से देखा था। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी का स्पष्ट विजन है कि बिजनेसमैन को बिना किसी परेशानी के काम करने दिया जाए। अब हमने ऐसी नीतियां बनाई हैं कि उद्योगपतियों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में हुई दो कैबिनेट बैठकों में 18 नई नीतियां पास की गई हैं। विजयवर्गीय ने कहा कि इस बार की इन्वेस्टर्स समिट में सरकार सिर्फ समझौते साइन करने तक सीमित नहीं रहेगी। बल्कि निवेश को जमीन पर लाने पर फोकस करेगी। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश खासतौर पर इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में निवेश की अपार संभावनाएं हैं, और सरकार पूरी तरह से इन्वेस्टर्स को सहयोग देने के लिए तैयार है।
क्या शिवराज सरकार की इन्वेस्टर्स समिट फेल थी?
विजयवर्गीय के इस बयान को शिवराज सरकार पर अप्रत्यक्ष हमला माना जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में छह इन्वेस्टर्स समिट हुईं, जिनमें बड़े पैमाने पर एमओयू साइन हुए थे।
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