सुधीर दंडोतिया, भोपाल। ग्लोबल इंवेस्टर्स समित -2025 में राजधानी भोपाल में वैश्विक निवेशकों का महासंगम होगा। जीआईएस में करीब 60 देशों से उद्यमियों को आमंत्रित किया गया है। 13 राजदूतों, 6 उच्चायुक्तों और प्रमुख रणनीतिक देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले कई महावाणिज्यदूतों की भागीदारी भी सुनिश्चित हुई है।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के रीजनल इंडस्ट्री कॉनक्लेव की अनूठी पहल ने देश के महानगरों में उद्योगपतियों के साथ मीटिंग और यूके, जर्मनी और जापान में निवेशकों से मीटिंग ने क्षेत्रीय उद्योगों को एक सुदृढ़ प्लेटफार्म दिया है। अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों ने प्रदेश में निवेश की रुचि दिखाई है।

चैंबर्स ऑफ कॉमर्स से भरपूर समर्थन

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में राजनयिक कोर की भागीदारी का नेतृत्व जर्मनी, जापान, स्विट्जरलैंड और मलेशिया के महावाणिज्यदूतों सहित मिशनों के प्रमुखों द्वारा किया जा रहा है। इसमें यूनाइटेड किंगडम, पोलैंड, नीदरलैंड और कनाडा के वरिष्ठ राजनयिक प्रतिनिधि भी शामिल हैं।जीआईएस में विश्व बैंक का नेतृत्व कंट्री डायरेक्टर ऑगस्टे तानो कौमे कर रहे हैं। उनके साथ इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल परिवर्तन के वरिष्ठ विशेषज्ञ भी मौजूद रहेंगे। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 को द्विपक्षीय चैंबर्स ऑफ कॉमर्स से भरपूर समर्थन मिला है, जो प्रमुख आर्थिक साझेदारियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

प्रमुख निवेश स्रोत देशों को भागीदारी

प्रबंध निदेशक स्टीफन हालुसा के नेतृत्व में इंडो-जर्मन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईजीसीसी) और जर्मन इंडियन इनोवेशन कॉरिडोर (जीआईआईसी) भारत-जर्मन आर्थिक सहयोग में महत्वपूर्ण विशेषज्ञता लेकर आए हैं। जीआईएस की विविध द्विपक्षीय भागीदारी में चेयरमैन रमेश अय्यर के नेतृत्व में कोरिया में भारतीय चैंबर ऑफ कॉमर्स आईसीसीके), अध्यक्ष जे.जे. सिंह के प्रतिनिधित्व वाले इंडो-पोलिश चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (आईपीसीसीआई) और इंडिया जिबूती चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईडीसीसी) शामिल हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 रणनीतिक रूप से प्रमुख निवेश स्रोत देशों को भागीदार देशों के रूप में शामिल करता है, जो मध्यप्रदेश की केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय पहुंच पर आधारित है। जर्मनी 35 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ एक प्रमुख भागीदार के रूप में साथ आ रहा है।

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