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भोपाल। GIS 2025: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में आज राजधानी भोपाल में चल रहे दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का समापन हुआ। इस दौरान सीएम डॉ. मोहन यादव ने बताया कि 7 रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को मिलाकर अब तक प्रदेश में 30 लाख 77 हजार करोड़ रुपये के निवेश के MoU हुए हैं। वहीं अमित शाह ने सीएम की टीम को इस सफल कार्यक्रम की बधाई दी। इस दौरान सीएम ने गृहमंत्री को बाबा महाकाल की प्रतिकृति भेंट की।
मध्यप्रदेश टॉप एचीवर बनेगा: अमित शाह
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस दौरान कहा, भोपाल में सम्पन्न दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट सिफ मध्यप्रदेश की नहीं, यह देश की उपलब्धि है। उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहन देने के लिये उठाये गये कदम भारत के विकास को भी गति देने का कार्य कर रहे हैं। मध्यप्रदेश निश्चित ही प्रमुख उद्योग राज्य बनेगा। मध्यप्रदेश में निवेशकों में निवेश करने के प्रति विश्वास बढ़ा है। स्थायी और सशक्त सरकार, पारदर्शी प्रशासन, उपयोगी नीतियां, सहयोगी सामाजिक वातावरण, आर्थिक प्रगति के लिये ऐसे आधार हैं, जो मध्यप्रदेश में मौजूद हैं। मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है जिसने जनविश्वास अधिनियम, ईज ऑफ डूइंग के माध्यम से पहल की है। निश्चित ही मध्यप्रदेश टॉप एचीवर बनेगा।
सीएम डॉ. मोहन यादव और टीम को दी बधाई
केन्द्रीय मंत्री श्री शाह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सूत्र वाक्य ‘विरासत भी और विकास भी’ को मध्यप्रदेश चरितार्थ कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने साल @2047 तक पूर्ण विकसित भारत का संकल्प किया है। भारत विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। इसमें मध्यप्रदेश अपना योगदान देते हुए महत्वपूर्ण सहयोगी राज्य सिद्ध होगा। मध्यप्रदेश ने लोकल और ग्लोबल दोनों स्तर पर प्रगति के प्रयासों में सहभागी बनने का सराहनीय कार्य किया है। यह ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट बहुत सफल रही है। इसकी सफलता के लिये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनकी टीम बधाई और अभिनंदन की पात्र हैं। मध्यप्रदेश में इस समिट में हुए एमओयू जल्द ही मूर्त रूप लेकर प्रदेश के विकास को गति प्रदान करेंगे।
मध्यप्रदेश में किया गया प्रयोग सम विकास के लिये आवश्यक
केन्द्रीय गृह मंत्री कहा कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का प्रयोग सफल रहा। सम विकास के लिये ऐसे प्रयास आवश्यक हैं। अन्य राज्य भी यह प्रयोग कर सकते हैं। प्रत्येक क्षेत्र में अलग तरह का निवेश संभव होता है। मध्यप्रदेश में फिजीकल पोटेंशियल, सेक्टोरल और ग्लोबल पोटेंशियल के मार्ग प्रशस्त हुए हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी की भावना के अनुरूप मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास का महत्वपूर्ण कार्य हो रहा है।
अमित शाह के उद्बोधन के प्रमुख बिन्दु
मध्यप्रदेश में सशक्त अधोसंरचना मौजूद है। भूमि, जल और बिजली की पर्याप्त उपलब्धता है।
यहां कुशल मानव संसाधन की प्रचुरता है।
मध्यप्रदेश में मार्केट का एक्सेस और पारदर्शी प्रशासन है।
मध्यप्रदेश में स्थिर सरकार, केन्द्रीय भौगोलिक स्थिति, उद्योगों के लिये अनुकूल नीतियां हैं।
यहां सभी कुछ प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।
मध्यप्रदेश उद्योगपतियों के आकर्षण का प्रमुख केन्द्र है।
मध्यप्रदेश में सर्वाधिक खनिज संसाधन उपलब्ध हैं।
मध्यप्रदेश देश की कॉटन कैपिटल है। यहां देश के कपास उत्पादन का एक चौथाई ऑर्गेनिक फार्म में होता है।
मध्यप्रदेश में खाद्य प्र-संस्करण की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य हुआ है।
यह अत्यंत सराहनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वर्ष-2025 को उद्योग वर्ष घोषित किया है।
मध्यप्रदेश तेजी से औद्योगिक विकास की उपलब्धि प्राप्त करेगा।
आज सम्पन्न समिट में 200 से अधिक संस्थानों के प्रतिनिधि, 60 देशों के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में प्रतिभागी शामिल हुए। कई विभागीय सम्मेलन और सेक्टोरल सत्र भी समिट में सम्पन्न हुए हैं। यह मध्यप्रदेश की ग्लोबल उपस्थिति का परिचायक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में निवेश का तैयार हुआ सकारात्मक माहौल : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केंद्रीय गृहमंत्री के जीआईएस के समापन सत्र में आने के लिए उनका अभिनंदन करते हुए कहा कि कल प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जीआईएस का शुभारंभ और आज गृह मंत्री द्वारा समापन से मध्यप्रदेश ने देश के कुशल नेतृत्व का मार्गदर्शन प्राप्त किया है। उन्होंने इसके लिए मध्यप्रदेश की जनता की ओर से आभार जताया। उन्होंने निवेशकों से कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में औद्योगीकरण और निवेश को लेकर एक सकारात्मक माहौल बना है। मप्र में पर्याप्त जल, जंगल, जमीन, बिजली, लैंड बैंक और निवेश के लिये अनुकूल वातावरण बना है।
1 साल पहले शुरू की थी RIC
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में एक वर्ष पहले क्षेत्रीय स्तर पर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव (आरआईसी) की शुरुआत की थी, ताकि संभाग स्तर पर औद्योगीकरण और निवेश को और अधिक बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि आरआईसी के बहुत अच्छे परिणाम हमें मिले हैं। आरआईसी में किए गए प्रयासों का प्रतिफल हमें जीआईएस में मिला है। हमने मध्यप्रदेश को आगे बढ़ाने और निवेशकों का हौसला बढ़ाने के लिए निवेश नीतियों में कई बदलाव किए हैं। हमारी नई निवेश नीतियों की सभी ने सराहना की है। हमारी सरकार ने वर्ष-2025 को उद्योग वर्ष घोषित किया है। टेक्सटाइल, फार्मा और ऑटो उद्योग में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। विकास का इस कारवां में हम लगातार आगे बढ़ते रहेंगे।
30 लाख 77 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले
मुख्यमंत्री ने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 100 से अधिक एक्सपटर्स और उद्योगपतियों सहित करीब 25000 से अधिक प्रतिभागियों ने सहभागिता की। इसमें 60 से अधिक देशों के निवेशक डेलीगेट भोपाल आए। जीआईएस करीब 5000 बिजनेस-टू-बिजनेस और 600 बिजनेस-टू-गर्वनमेंट मीटिंग्स आयोजित हुई। उन्होंने बताया कि अब तक सरकार को 30 लाख 77 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। विभिन्न एमओयू साइन किये गये। प्रदेश सरकार अपने प्रयासों को धरातल पर उतरने के लिए पूर्ण प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार यहां के युवाओं, किसानों, महिलाओं और सभी प्रकार के संभावित क्षेत्रों में विकास के इस अभियान को जारी रखेगी।
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