
भुवनेश्वर : ओडिशा सरकार द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक की जयंती 5 मार्च को पंचायती राज दिवस मनाने से मना करने के फैसले ने विवाद को जन्म दे दिया है तथा विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली क्षेत्रीय पार्टी ने बीजू पटनायक की जयंती 5 मार्च के बजाय 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस मनाने के फैसले को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है।
ओडिशा में इस साल से बीजू पटनायक जयंती मनाने के लिए 5 मार्च को कोई सार्वजनिक अवकाश नहीं होगा, क्योंकि राज्य सरकार ने पिछले आदेश को रद्द कर दिया है।
सामान्य प्रशासन और लोक शिकायत विभाग द्वारा 3 मार्च को जारी अधिसूचना के अनुसार, हर साल 5 मार्च को अब सार्वजनिक अवकाश नहीं मनाया जाएगा। हालांकि, अधिसूचना में कहा गया है कि महान नेता स्वर्गीय बीजू पटनायक की जयंती हर साल 5 मार्च को सभी सरकारी स्तरों पर बहुत उत्साह के साथ मनाई जाएगी।
गौरतलब है कि नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली पिछली बीजू जनता दल (BJD) सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बीजू पटनायक के जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए 5 मार्च को पंचायती राज दिवस के रूप में घोषित किया था।
2020 से, राज्य हर साल 5 मार्च को सार्वजनिक अवकाश के रूप में मना रहा है। हालांकि, मोहन चरण माझी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने 5 मार्च को राज्य की छुट्टी को खत्म कर दिया और घोषणा की कि इस साल से पूर्व सीएम की जयंती को पंचायतीराज दिवस के रूप में नहीं मनाया जाएगा।

पूर्व मंत्री ने कहा कि ओडिशा पिछले तीन दशकों से इस दिवस को मनाता आ रहा है, लेकिन राज्य सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार 2020 से पंचायती राज दिवस नहीं मनाया जा रहा है। स्वैन ने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में कहा, “यह तथ्यात्मक रूप से गलत बयान क्षुद्र राजनीति की बू आ रही है और मौजूदा सरकार की पहचान संकट सिंड्रोम को दर्शाता है।”
गौरतलब है कि सोमवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया था कि ओडिशा 2020 से हर साल 5 मार्च को बीजू पटनायक के सम्मान में पंचायती राज दिवस मना रहा है, जो जमीनी स्तर पर सत्ता के विकेंद्रीकरण के समर्थक थे। पंचायती राज दिवस को स्थानांतरित करने के कदम को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए, बीजद समन्वय समिति के अध्यक्ष देवी प्रसाद मिश्रा ने कहा कि ओडिशा पिछले तीन दशकों से 5 मार्च को यह दिवस मनाता आ रहा है। उन्होंने कहा कि तिथि को बदलकर 24 अप्रैल करने का निर्णय भाजपा सरकार द्वारा अपनाई गई ‘संकीर्ण’ मानसिकता और दृष्टिकोण को दर्शाता है।
गौरतलब है कि सोमवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया था कि ओडिशा 2020 से हर साल 5 मार्च को बीजू पटनायक के सम्मान में पंचायती राज दिवस मना रहा है, जो जमीनी स्तर पर सत्ता के विकेंद्रीकरण के समर्थक थे। पंचायती राज दिवस को स्थानांतरित करने के कदम को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए, बीजद समन्वय समिति के अध्यक्ष देवी प्रसाद मिश्रा ने कहा कि ओडिशा पिछले तीन दशकों से 5 मार्च को यह दिवस मनाता आ रहा है। उन्होंने कहा कि तिथि को बदलकर 24 अप्रैल करने का निर्णय भाजपा सरकार द्वारा अपनाई गई ‘संकीर्ण’ मानसिकता और दृष्टिकोण को दर्शाता है।
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