तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन को समाप्त करने के बयान पर महाराष्ट्र सरकार ने कड़ा विरोध व्यक्त किया है. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में चल रहे मामले में स्टालिन की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है, और यह रोक अब अन्य राज्यों में दर्ज मामलों पर भी लागू हो गई है. इसके अतिरिक्त, सुप्रीम कोर्ट ने इस संदर्भ में नई FIR दर्ज करने पर भी रोक लगा दी है.

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महाराष्ट्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यदि किसी नेता ने इस्लाम को समाप्त करने का उल्लेख किया होता, तो अब तक बड़ा हंगामा मच चुका होता. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोई समुदाय यदि शांति प्रिय है और विरोध में हिंसा नहीं करता, तो इसका यह अर्थ नहीं है कि उसके खिलाफ की गई टिप्पणियों को नजरअंदाज किया जाए.

‘केस के तथ्यों पर टिप्पणी नहीं करना चाहते’

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, जो दो जजों की बेंच के अध्यक्ष हैं, ने कहा कि वह मामले के तथ्यों पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते. इस समय केवल इस विषय पर चर्चा हो रही है कि क्या सभी एफआईआर को एक स्थान पर स्थानांतरित किया जाए. उदयनिधि के लिए पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यह भी कहा कि सॉलिसिटर जनरल ऐसे बयान दे रहे हैं जो कोर्ट के बाहर के लोगों को सुनाने के लिए हैं.

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उदयनिधि ने सनातन पर क्या कहा था?

उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से करते हुए कहा कि इसका केवल विरोध नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इसे समाप्त कर देना चाहिए. उन्होंने 2 सितंबर को आयोजित सनातन उन्मूलन सम्मेलन में अपने बयान में स्पष्ट किया कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है. उनका मानना है कि कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, बल्कि उन्हें पूरी तरह से समाप्त करना आवश्यक है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते, बल्कि उन्हें मिटाना चाहिए, उसी प्रकार हमें सनातन धर्म को भी समाप्त करना चाहिए.

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‘नूपुर शर्मा ने भी एक धर्म के बारे में विवादित बातें कही थीं’

सिंघवी ने यह उल्लेख किया कि नूपुर शर्मा ने एक विशेष धर्म के संबंध में विवादास्पद टिप्पणियाँ की थीं, जिसके चलते कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी. मोहम्मद जुबैर और अर्णव गोस्वामी जैसे व्यक्तियों को भी सुप्रीम कोर्ट से राहत प्राप्त हुई है, और इसी प्रकार उदयनिधि भी राहत के पात्र हैं. सिंघवी ने बताया कि उदयनिधि के खिलाफ बिहार, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर में एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिस पर कोर्ट ने इन मामलों में भी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में होगी.