
अमित पांडेय, डोंगरगढ़। आपको याद है श्री प्रसाद इलायची दाना? बीते साल सितंबर महीने में पोल्ट्री फार्म में चलने वाली इस इलायची दाना फैक्ट्री में खाद्य विभाग की टीम में दबिश दी थी. जांच के लिए लिए गए इलायची दाना के सैंपल अमानक पाए जाने पर फैक्ट्री को बंद कर दिया गया था, लेकिन प्रतिष्ठान के मालिक ने चंद महीनों बाद फिर से नाम बदलकर वहीं काम शुरू कर दिया. इस बार भी प्रशासन ने इलायची दाना के अमानक मिलने पर कार्रवाई करते हुए जुर्माना ठोका है. यह भी पढ़ें : CGMSC घोटाला: 660 करोड़ की गड़बड़ी मामले में ACB-EOW ने IAS भीम सिंह को किया तलब, दो घंटे से जारी है पूछताछ

मिलावटी और घटिया खाद्य सामग्री बेचने वालों के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई जारी है. इस कड़ी में ग्राम राका स्थित एवन स्वीट्स के नाम से चल रहे प्रतिष्ठान पर खाद्य विभाग की टीम ने छापा मारा. जांच के लिए श्री प्रसाद इलायची दाना (पैक्ड) का नमूना लिया गया, जिसे राज्य परीक्षण प्रयोगशाला में भेजा गया. रिपोर्ट आई तो फिर से वही कहानी – सामग्री अवमानक और मिथ्याछाप निकली! इस पर प्रशासन ने 50 हजार रुपए का जुर्माना ठोका.

एक और प्रतिष्ठान पर भी कार्रवाई
खाद्य विभाग ने अशोका रेस्टोरेंट एंड लॉज, कालका पारा, डोंगरगढ़ में भी छापा मारा. यहां से खुली अरहर दाल का नमूना लिया गया, जो जांच में अवमानक निकला. इस पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया. सबसे बड़ा सवाल यही है—अगर पहले गड़बड़ी मिलने पर दुकान बंद हुई थी, तो इसे फिर से चलाने की इजाजत कैसे मिली? क्या सिर्फ जुर्माना लगाकर ही मामले को रफा-दफा कर दिया जाएगा, या अब कोई सख्त कार्रवाई होगी?
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