
रायबरेली। उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय में एक महिला द्वारा अपने दिव्यांग पति को पीठ पर लादकर ले जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था को उजागर किया था, जिसके बाद उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मामले का संज्ञान लिया और त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
READ MORE : ‘नए भारत’ का ‘नया उत्तर प्रदेश’… डिजिटल क्रांति और आर्थिक उन्नति की मिसाल बना UP, नीति आयोग ने दिया ‘फ्रंट रनर’ का दर्जा
उपमुख्य चिकित्सा नोडल दिव्यांग बोर्ड का ट्रांसफर
जांच के बाद उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी (नोडल जिला दिव्यांग बोर्ड) और डाटा इंट्री ऑपरेटर को तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित कर दिया गया है। वहीं, सीएमओ कार्यालय में तैनात क्लीनर (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी) को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया। यह कार्रवाई वायरल वीडियो में सामने आई उस स्थिति के जवाब में की गई, जिसमें महिला को अपने पति को दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पीठ पर ले जाना पड़ा था, क्योंकि कार्यालय में स्ट्रेचर या व्हीलचेयर जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं।
READ MORE : मोहम्मद शमी के समर्थन में उतरे देवबंदी उलेमा, मौलाना यासूब अब्बास और खालिद रशीद फरंगी, बोले- उनके पास रोजा न रखने का विकल्प, किसी को…
डिप्टी सीएम पाठक ने लिया एक्शन
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मंडलीय अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, लखनऊ मंडल को तीन दिनों के भीतर विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था। रिपोर्ट में लापरवाही के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान की गई, जिसके आधार पर यह कार्रवाई हुई। पाठक ने कहा कि ऐसी घटनाएं अस्वीकार्य हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें