रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में औद्योगिक विकास को नई दिशा देने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. उनकी सरकार ने ‘नई उद्योग नीति’ की घोषणा की है, जो राज्य में निवेश को आकर्षित करने, स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहित करने और नव उद्यमियों को बेहतर अवसर देने के लिए बनाई गई है. इस नीति के तहत विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे लगभग 2 लाख नई नौकरियों के अवसर पैदा होंगे.
छत्तीसगढ़, भारत का एक समृद्ध राज्य है जो अपनी प्राकृतिक संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहर और रणनीतिक नीतियों के माध्यम से नव उद्यमियों के लिए अपार संभावनाओं के द्वार खोल रहा है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने औद्योगिक विकास और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जो न केवल राज्य की आर्थिक प्रगति में सहायक हैं, बल्कि नव उद्यमियों के लिए एक सशक्त मंच प्रदान करते हैं.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हाल ही में फार्मा, रियल एस्टेट और आईटी क्षेत्र के प्रतिनिधियों से चर्चा के दौरान कहा कि “छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास और नव उद्यमिता के लिए अपार संभावनाओं से भरा राज्य है. यह राज्य वन, खनिज और ऊर्जा संसाधनों से समृद्ध है और बिजली उत्पादन में सरप्लस राज्यों में शामिल है. इन संसाधनों के चलते यहाँ उद्योगों की स्थापना के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध है. सरकार निवेशकों और नव उद्यमियों को हरसंभव सहयोग प्रदान कर रही है, ताकि प्रदेश में आर्थिक विकास और रोजगार के नए अवसरों को प्रोत्साहित किया जा सके.”
नई औद्योगिक नीति 2024-30 से आएगी उद्योग स्थापना में सरलता
मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 लागू की है, जिसका उद्देश्य निवेशकों के लिए उद्योग स्थापित करके उसे सरल और सुविधाजनक बनाना है. इस नीति के तहत ऑनलाइन आवेदन और त्वरित प्रोसेसिंग की व्यवस्था भी की गई है, जिससे निवेश प्रक्रिया पारदर्शी और तेज़ बनी है. इसके अतिरिक्त, ‘सिंगल विंडो 2.0’ प्रणाली लागू की गई है, जिससे सभी आवश्यक स्वीकृतियाँ आसानी से मिल रही हैं और निवेशकों को किसी तरह की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ रहा है.
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि “छत्तीसगढ़ में नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 लागू की गई है, जिससे निवेशकों के लिए उद्योग स्थापित करना पहले से अधिक सरल और सुविधाजनक हो गया है. इसके तहत ऑनलाइन आवेदन और त्वरित प्रोसेसिंग की व्यवस्था की गई है, जिससे निवेश प्रक्रिया पारदर्शी और तेज़ बनी है.
इसके अतिरिक्त, ‘सिंगल विंडो 2.0’ प्रणाली लागू की गई है, जिससे सभी आवश्यक स्वीकृतियाँ आसानी से मिल रही हैं और निवेशकों को किसी तरह की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ रहा है.”महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने ‘राज्य महिला उद्यमिता नीति 2023-28’ लागू की है. इसका उद्देश्य महिलाओं की सहभागिता उद्यम में सुनिश्चित करना, उन्हें उद्यम स्थापित कर आर्थिक दृष्टि से स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनाना है.
औद्योगिक विकास को मिलेगा नया आयाम
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का मानना है कि छत्तीसगढ़ को औद्योगिक हब के रूप में विकसित करना आवश्यक है, जिससे राज्य के युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें. उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य छत्तीसगढ़ को एक ऐसा औद्योगिक राज्य बनाना है, जहाँ स्थानीय संसाधनों का अधिकतम उपयोग हो और उद्यमिता को बढ़ावा दिया जाए. नई औद्योगिक नीति से निवेश को गति मिलेगी और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.”
औद्योगिक क्षेत्रों का विस्तार
सरकार ने रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, कोरबा, भिलाई और अंबिकापुर में नए औद्योगिक पार्कों के विकास की योजना बनाई है. इसके अलावा, बस्तर और सरगुजा में विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) विकसित किए जाएंगे, जिससे इन पिछड़े इलाकों में भी औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा. राज्य सरकार “एक जिला, एक उत्पाद” (ODOP) योजना को भी सशक्त कर रही है, जिसके तहत प्रत्येक जिले की पहचान के अनुसार उद्योगों को विकसित किया जाएगा.इस योजना से न केवल पारंपरिक उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुँचाने में भी मदद मिलेगी.

नवोदित उद्यमियों को मिलेगा बड़ा समर्थन
छत्तीसगढ़ सरकार ने स्टार्टअप और नवोदित उद्यमियों को सहायता देने के लिए “छत्तीसगढ़ स्टार्टअप मिशन” शुरू करने की घोषणा की है। इसके तहत:
युवाओं और महिलाओं को नए व्यवसाय शुरू करने के लिए विशेष अनुदान और रियायती दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा.
रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर में तीन नए स्टार्टअप इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जाएंगे.
स्टार्टअप के लिए आवश्यक कानूनी प्रक्रियाओं को सरल बनाया जाएगा और लाइसेंसिंग प्रक्रिया को डिजिटल किया जाएगा.
प्रौद्योगिकी आधारित स्टार्टअप्स को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा.
रायपुर के एक युवा उद्यमी अभिषेक शर्मा, जो एक एग्रीटेक स्टार्टअप चला रहे हैं, ने कहा, “सरकार की नई नीति से स्टार्टअप्स को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा. हमें उम्मीद है कि इससे निवेशकों का भरोसा भी बढ़ेगा और हमारा उद्योग जगत नए आयाम छू सकेगा.”
MSME और लघु उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा
छत्तीसगढ़ सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) के लिए भी कई नई योजनाएँ शुरू की हैं. सरकार का लक्ष्य 5,000 नए MSME इकाइयों की स्थापना करना है, जिससे स्थानीय व्यापारियों और छोटे उद्यमियों को फायदा होगा.सरकार ने MSME उद्यमियों के लिए 500 करोड़ रुपये का कोष बनाने की घोषणा की है, जिससे छोटे उद्योगों को सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा.
सरगुजा के एक लघु उद्यमी विनोद वर्मा ने कहा, “पहले हमें बैंक से लोन मिलने में बहुत दिक्कत होती थी, लेकिन अब सरकार की इस नई योजना से हमें अपने कारोबार को आगे बढ़ाने का अवसर मिलेगा.”
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार
औद्योगिक विकास को गति देने के लिए सरकार ने “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” को और अधिक सुलभ बनाने की योजना बनाई है. अब व्यापार शुरू करने के लिए सभी प्रक्रियाएँ ऑनलाइन होंगी और लाइसेंस 72 घंटे के भीतर जारी किए जाएंगे.इसके अलावा, राज्य सरकार ने औद्योगिक इकाइयों को 5 साल तक टैक्स में छूट देने का भी फैसला किया है, जिससे नए निवेशकों को आकर्षित किया जा सके.
नए औद्योगिक पार्क से निवेश को मिलेगा प्रोत्साहन
छत्तीसगढ़ की साय सरकार नए औद्योगिक पार्कों की स्थापना कर रही है, जिससे उद्योगपतियों को आवश्यक बुनियादी ढाँचा और संसाधन उपलब्ध होंगे. इससे नव उद्यमियों को भी बेहतरीन वातावरण मिलेगा जिससे वे अपनी व्यावसायिक यात्रा को मजबूती से आगे बढ़ा सकेंगे. इस पहल से न केवल औद्योगिक इकाइयों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि प्रदेश में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे.
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि “राज्य सरकार नए औद्योगिक पार्कों की स्थापना कर रही है, जिससे उद्योगपतियों को आवश्यक बुनियादी ढाँचा और संसाधन उपलब्ध होंगे. इससे नव उद्यमियों को भी सशक्त वातावरण मिलेगा, जिससे वे अपनी व्यावसायिक यात्रा को मजबूती से आगे बढ़ा सकें. इस पहल से न केवल औद्योगिक इकाइयों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि प्रदेश में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे.”
औद्योगिक निवेश को लेकर सकारात्मक संवाद
मुख्यमंत्री साय ने मैनकाइंड फार्मा से गौरव चौहान, एम्बेसी रीट के सीईओ विकास खडोलिया, यूअरस्टोरी की संस्थापक श्रद्धा शर्मा और मायट्री स्कूल ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप के फाउंडर रोहित कश्यप जैसे कई प्रतिष्ठित उद्यमियों और निवेशकों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि “छत्तीसगढ़ सरकार उद्यमियों को हरसंभव सहायता प्रदान करेगी.
उन्होंने कहा कि प्रदेश की औद्योगिक नीति स्पष्ट, पारदर्शी और निवेशक-अनुकूल हैं, जिससे देश-विदेश के उद्योगपतियों को छत्तीसगढ़ में व्यापार स्थापित करने के लिए आवश्यक सुविधाएं दी जा रही हैं. मुख्यमंत्री साय ने निवेशकों को आमंत्रित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार उनके व्यापार को सफल बनाने में हरसंभव सहयोग देगी. राज्य की नई औद्योगिक पहल प्रदेश को आर्थिक प्रगति और नवाचार के नए दौर में ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”
स्थानीय व्यापारियों और उद्योगपतियों की राय
छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स के रमेश अग्रवाल का कहना है, “सरकार की नई औद्योगिक नीति से व्यापारियों को कई सुविधाएँ मिलेंगी. खासकर टैक्स में छूट और MSME के लिए रियायती ऋण जैसी योजनाएँ हमारे उद्योगों के लिए फायदेमंद होंगी”
वहीं, भिलाई के एक स्टील कारोबारी अशोक गुप्ता ने कहा, “छत्तीसगढ़ में निवेश के लिए माहौल पहले से ही अनुकूल था, लेकिन नई नीतियों से अब राज्य में औद्योगीकरण और तेज होगा. हमें उम्मीद है कि इससे व्यापार को नई ऊँचाइयाँ मिलेंगी.”
विष्णु देव साय सरकार की नई औद्योगिक नीति छत्तीसगढ़ को देश के प्रमुख औद्योगिक राज्यों की श्रेणी में लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. सरकार के प्रयासों से स्टार्टअप्स, MSME, खनन, ऊर्जा, आईटी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बड़े पैमाने पर निवेश की संभावना है.अगर इन योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू किया गया, तो छत्तीसगढ़ आने वाले वर्षों में भारत के सबसे तेजी से विकसित होते औद्योगिक राज्यों में शामिल हो सकता है. नव उद्यमियों और निवेशकों के लिए यह समय छत्तीसगढ़ में नई संभावनाओं के द्वार खोलने का सबसे उपयुक्त मौका है.