रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) कॉन्स्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा में नकल के एक गिरोह का खुलासा नोएडा पुलिस ने रविवार को किया. पुलिस ने एक इलेक्ट्रिक डिवाइस का उपयोग करते हुए नकल कर रहे एक अभ्यर्थी और उसके सहयोगी को गिरफ्तार किया. जांच में यह सामने आया कि नकल कराने के लिए 4 लाख रुपये में सौदा हुआ था, जिसमें से 50 हजार रुपये पहले ही दिए जा चुके थे. परीक्षा केंद्र के इंचार्ज ने अभ्यर्थी सहित 6 व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है.

होली के रंग में न पड़ जाए भंग, 9000 दिल्ली पुलिस कर्मी रखेंगे हुड़दंगियों पर नजर; हुड़दंगियों पर होगी सख्ती

नोएडा सेक्टर-62 स्थित आईऑन डिजिटल जोन में रेलवे द्वारा पुलिस फोर्स में कॉन्स्टेबल पद के लिए 2 मार्च से 18 मार्च के बीच लिखित परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है. 7 मार्च को भी परीक्षा केंद्र पर परीक्षा आयोजित की गई. केंद्र के इंचार्ज भवनेश पचौरी ने पुलिस को सूचित किया कि मुजफ्फरनगर के गांव तुलहेड़ी का निवासी आजाद परीक्षा दे रहा था. इस दौरान परीक्षा कक्ष निरीक्षक छत्रपाल को संदेह हुआ कि आजाद किसी से बातचीत कर रहा है, जबकि उसके आस-पास के अन्य अभ्यर्थी चुप थे. संदेह के आधार पर जांच की गई, जिसमें आजाद के कान में एक ब्लूटूथ डिवाइस और उसकी मेज के नीचे एक इलेक्ट्रिक डिवाइस मिली. इन उपकरणों के माध्यम से वह किसी अन्य व्यक्ति से संपर्क कर रहा था और परीक्षा के प्रश्नों के उत्तर प्राप्त कर रहा था. सभी इलेक्ट्रिक डिवाइस को जब्त कर पूछताछ की गई.

LG ऑफिस का दावा; दिल्ली में पीएम-उदय योजना के तहत 400 महिलाओं ने मालिकाना हक के लिए किया आवेदन

आजाद ने जानकारी दी कि उसके भाई असलम से मेरठ के मवाना निवासी राहुल और मुजफ्फरनगर के गांव हासमपुर निवासी पंकज ने उसे लिखित परीक्षा में पास कराने का आश्वासन दिया था. इसके लिए उन्होंने चार लाख रुपये की मांग की थी, जिसमें बड़े भाई ने 50 हजार रुपये अग्रिम दे दिए थे. जब आजाद शुक्रवार को परीक्षा केंद्र पर पहुंचा, तो उसे बताया गया कि सातवें फ्लोर की लैब के वॉशरूम में एक ब्लूटूथ और इलेक्ट्रिक डिवाइस अर्जुन डागर, जो ब्रिक्स कंपनी का कर्मचारी है, द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी. आजाद ने वॉशरूम से दोनों इलेक्ट्रिक डिवाइस लेकर कक्ष में बैठ गया. परीक्षा के दौरान जब उससे प्रश्नों के उत्तर देने वाले के बारे में पूछा गया, तो वह उसका नाम नहीं बता सका. इसके बाद टीम ने आजाद और अर्जुन डागर को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. शनिवार को पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

न पकड़े जाने का दावा

सेंटर में प्रवेश से पूर्व सभी परीक्षार्थियों की जांच की जाती है. इस स्थिति में परीक्षा के दौरान किसी प्रकार की डिवाइस ले जाना संभव नहीं था. इस विषय पर परीक्षा पास कराने वाले लोगों ने यह दावा किया कि डिवाइस सेंटर के अंदर ही उपलब्ध होगी. चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, ऐसा कहा गया था. उन्हें केवल प्रश्नों को पढ़कर इस तरह से बोलना था कि कक्ष निरीक्षक तक उनकी आवाज न पहुंचे, लेकिन परीक्षार्थी आजाद को जिस बात का भय था, वही सच हो गया.

सुप्रीम कोर्ट ने 40 साल बाद सुनाया फैसला; रेप साबित करने के लिए प्राइवेट पार्ट पर चोट जरूरी नहीं

मोबाइल बंद कर अन्य आरोपी फरार

एडीसीपी सुमित कुमार शुक्ला ने बताया कि दो आरोपियों को जेल भेजने के बाद पुलिस की टीम अब आजाद के भाई असलम, राहुल, पंकज और सुमित की खोज में लगी हुई है. इस कार्य के लिए दो टीमें चारों आरोपियों को पकड़ने में सक्रिय हैं. पुलिस का कहना है कि पहले दो आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अन्य आरोपी अपने मोबाइल फोन बंद कर फरार हो गए हैं. टीमें संभावित स्थानों पर छापेमारी कर रही हैं और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा.

परीक्षा केंद्र पर जांच तेज की गई

एडीसीपी सुमित कुमार शुक्ला ने बताया कि दो आरोपियों को जेल भेजने के बाद पुलिस की टीम अब आजाद के भाई असलम, राहुल, पंकज और सुमित की खोज में लगी हुई है. इस कार्य के लिए दो टीमें चारों आरोपियों को पकड़ने में सक्रिय हैं. पुलिस का कहना है कि पहले दो आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अन्य आरोपी अपने मोबाइल फोन बंद कर फरार हो गए हैं. टीमें संभावित स्थानों पर छापेमारी कर रही हैं और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा.