भुवनेश्वर : भुवनेश्वर में 10 बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी से ओडिशा में संभावित बड़े पैमाने पर घुसपैठ रैकेट के बारे में पता चला है। कमिश्नरेट पुलिस ने इस बात की गहन जांच शुरू की है कि ये लोग भारत में कैसे घुसे, उनकी आवाजाही में किसने मदद की और क्या वे पहले भी इस देश में आ चुके हैं।

एसटीएफ के डीआईजी पिनाक मिश्रा ने बताया, “बांग्लादेशी नागरिक अनाधिकृत तरीके से भारत में घुसे। सूचना मिलने पर विशेष टीम ने मौके पर छापा मारा और एक किशोर और तीन महिलाओं समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया। चूंकि वे कोई वैध यात्रा दस्तावेज नहीं दिखा पाए, इसलिए उन पर विदेशी अधिनियम की धारा 14 के तहत कार्रवाई की गई। सभी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया।” गिरफ्तार लोगों की पहचान मोहम्मद हासिम (46), सहाना बेगम (45), दिलारा शेख (45), आलम शेख (41), मोहम्मद अजीम (40), मोहम्मद सोहा (36), मोनिरा बेगम (30), करीमा बेगम (25), सोजिब खान (24) और एक 14 वर्षीय किशोर के रूप में हुई है।

बिना किसी वैध दस्तावेज के अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के ओडिशा में घुसपैठ करने की सूचना पर कार्रवाई करते हुए एसटीएफ के एक दल ने शनिवार को भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर छापा मारा। छापे के बाद एसटीएफ के दल ने रविवार को इस संबंध में मामला दर्ज करके बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया।

घुसपैठिए पिछले कुछ दिनों से भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर रह रहे थे और अधिकारियों ने उनके कब्जे से सात मोबाइल फोन, बांग्लादेशी मुद्रा और अन्य सामान जब्त किया है।

एसटीएफ अधिकारियों के अनुसार, पूछताछ के दौरान घुसपैठियों ने खुलासा किया कि वे बांग्लादेश के हैं और असम में धुबरी सीमा के पास अपने एजेंट के माध्यम से अवैध रूप से सीमा पार कर भुवनेश्वर में रहने आए थे। अधिकारियों ने आगे कहा कि उनके खिलाफ विदेशी अधिनियम, 1946 की धारा 14 के तहत मामला दर्ज किया गया है। सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मोहन माझी ने 2024 में राज्य विधानसभा को सूचित किया था कि 2021 तक राज्य में कुल 3,740 बांग्लादेशी घुसपैठिए अवैध रूप से रह रहे थे।