Land for Job Case: बिहार चुनाव से पहले राजद परिवार को बड़ी राहत मिली है. लैंड फॉर जॉब मामले में राजद सुप्रीमो लालू यादव समेत सभी आरोपियों को जमानत मिल गई है. बता दें कि मामले में आज मंगलवार (11 मार्च) को लैंड दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव और बेटी हेमा यादव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में उपस्थित रहे. कोर्ट ने हेमा यादव, तेज प्रताप यादव व अन्य सभी को 50-50 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है.

CBI ने दाखिल की थी सप्लीमेंट्री चार्जशीट

सुनवाई के दौरान राउज एवेन्यू कोर्ट ने कहा कि, इस मामले में लालू व तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती समेत 8 आरोपियों को पेश होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि वो CBI की पहली और दूसरी चार्जशीट में पेश हो चुके हैं. पिछली सुनवाई में राउज एवेन्यू कोर्ट ने संज्ञान लिया था. आरोपियों को 11 मार्च को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया गया था. कोर्ट ने हेमा, तेज प्रताप यादव व अन्य को समन भेजा था. बता दें कि लैंड फॉर जॉब घोटाले मामले में लालू परिवार समेत 103 लोग आरोपी हैं. इससे पहले CBI ने कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी.

नौकरी के बदले जमीन का मामला

आपको बता दें कि यह पूरा मामला रेलवे में नौकरियों के बदले जमीन लेने से जुड़ा हुआ है. इसमें लालू परिवार के अलावा कुछ कंपनियों के भी शामिल होने की बात सामने आई हैं. इन कंपनियों के नाम मेसर्स एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड हैं. राजद सुप्रीमो लालू यादव समेत उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और बेटियां मीसा भारती और हेमा यादव भी इस मामले में आरोपी हैं.

लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुआ था घोटाला

यह घोटाला 2004 से 2009 के बीच का है. उस समय लालू यादव यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप है कि लालू यादव ने पटना के 12 लोगों को गुपचुप तरीके से रेलवे के ग्रुप डी पदों पर नौकरी दी और इसके बदले उनसे अपने परिवार के सदस्यों के नाम जमीनें लिखवा लिया.

2021 में शुरू हुई थी जांच

लालू यादव पर आरोप है कि रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले उम्मीदवारों से जमीन ली गई. वहीं, तेजस्वी यादव पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में 150 करोड़ रुपये का बंगला बेहद सस्ते दाम में खरीदा था, जो कथित रूप से रेलवे में नौकरी पाने वाले एक उम्मीदवार से लिया गया था.

जांच एजेंसी का दावा है कि जिन उम्मीदवारों को नौकरी दी गई, उनके परिवार के सदस्यों ने लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम जमीन की रजिस्ट्री करवाई. ये प्लॉट्स नाममात्र की कीमत पर नकद भुगतान कर खरीदे गए. इस मामले की प्रारंभिक जांच 2021 में शुरू हुई और बाद में इसे आधिकारिक केस में बदल दिया गया.

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