मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को राजपुर रोड़ स्थित एक होटल में शिव धरा फाउण्डेशन की ओर से अमर बलिदानी राजगुरू, सुखदेव और भगत सिंह के बलिदान दिवस की संध्या पर आयोजित ’’एक शाम देश के भगत के नाम’’ कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह में प्रतिभाग किया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन महान शहीदों ने अपने जीवन की परवाह न कर मां भारती को बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए जीवन भर संघर्ष किया, इनके इरादे अटल थे और हौसला बुलन्द था. अपना जीवन देश को समर्पित करने वाले इन बलिदानियों के कारण ही आज हम स्वतंत्रता और सम्मान के साथ जी रहे हैं, उनके त्याग ने ही अंग्रजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया था.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद सरदार भगत सिंह कहा करते थे कि सच्ची स्वतंत्रता तभी संभव है जब भारत में सभी वर्गों और जातियों को समान अधिकार और अवसर प्राप्त हों. इसी भावना को साकार करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता लागू की गई है, जिससे अब हमारे राज्य के सभी नागरिकों के कानूनी अधिकार समान हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि 2022 के विधान सभा चुनाव में प्रदेश की जनता से किये गए वायदे के अनुसार उत्तराखण्ड के सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करने वाले समान नागरिक संहिता को मंजूरी देकर उत्तराखण्ड को देश का पहला राज्य बना दिया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 23 मार्च को ही हमने अपने द्वितीय कार्यकाल के 3 वर्ष पूर्ण किए हैं, इन तीन वर्षों में राज्य के समग्र विकास के लिए अनेक ऐसी उपलब्धियां हासिल की गई हैं, जिनके आधार पर ये कहा जा सकता है कि आज उत्तराखण्ड विकास की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने की ओर अग्रसर है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प की पूर्ति के लिए उत्तराखण्ड भी अपना योगदान देने के लिए समर्पित भाव से प्रयासरत है.