
आशुतोष तिवारी, जगदलपुर. बस्तर से नक्सलवाद खात्मे की ओर है. जानकारी के मुताबिक 400 नक्सल कैडर ही बस्तर में बचे हुए हैं. नक्सलियों का TCOC माह चल रहा है. इस महीने में नक्सली अपने लाल लड़कों का विस्तार करने की कोशिश करते हैं और उन्हें बेहतर ट्रेनिंग देकर जवानों को नुकसान पहुंचाने की भरपूर कोशिश करते हैं, लेकिन अब बस्तर में नक्सलियों ने भर्ती के लिए एक नई रणनीति अपनाई है, जिसमें वे बच्चों को अपना निशाना बना रहे हैं. नक्सली 9 साल के बच्चों को हथियार थमा रहे हैं और उन्हें बम बनाने की तकनीक सिखा रहे हैं. इसके अलावा उन्हें गुरिल्ला युद्ध की ट्रेनिंग दी जा रही है, जिसमें उन्हें जंगल में लड़ने के तरीके सिखाए जा रहे हैं. मंगलवार को दंतेवाड़ा व बिजापुर के सीमाई क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में मारे गए नक्सली लीडर सुधाकर के एक पत्र से यह खुलासा हुआ है.


मंगलवार को मुठभेड़ में मारे गए थे तीन नक्सली
मंगलवार को मुठभेड़ में 25 लाख के इनामी नक्सली सुधाकर समेत तीन नक्सली ढेर हुए थे. मारे गए नक्सली लीडर सुधाकर के पास से मिले पत्र में कहा गया है कि 130 नए लोगों को नक्सल संगठन में भर्ती किया गया है. इनमें 9 से 11 साल के 40 बच्चे, 14 से 17 साल के 40 और 18 से 22 साल के 50 युवक-युवतियां शामिल हैं. नक्सलियों ने इन नए भर्ती सदस्यों को हथियार चलाने की तकनीक सिखाई है और उन्हें नक्सल संगठन के उद्देश्यों और नीतियों के बारे में जानकारी दी गई है, लेकिन नक्सली लीडर्स का मानना है कि ये नए सदस्य अभी लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं हैं. उन्हें अभी और प्रशिक्षण की आवश्यकता है, ताकि वे नक्सल संगठन के लिए प्रभावी ढंग से काम कर सके.
इस साल अब तक मारे गए 100 नक्सली
एक तरफ जहां सरकार 31 मार्च 2026 तक बस्तर से नक्सलवाद खत्म करने का टारगेट रखा है और बस्तर में प्रभावी रूप से कार्रवाई भी की जा रही है. 2025 में अब तक 100 नक्सलियों को अलग-अलग मुठभेड़ों में मार गिराया गया है, जिसमें नक्सलियों के शीर्ष नेतृत्वकर्ता भी शामिल रहे हैं. एक तरफ जहां नक्सलवाद सिमटता नजर आ रहा है तो दूसरी ओर नक्सली अब बच्चों व युवाओं को टारगेट कर संगठन मजबूत करते नजर आ रही है. इसका खुलासा सुधाकर के पत्र से हुआ है.
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