परवेज खान, शिवपुरी। मध्य प्रदेश का शिवपुरी घोटाला का जिला बन गया है। सहकारी बैंक, उर नदी प्रोजेक्ट, सम्बल योजना के बाद अब पीडब्ल्यूडी में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। बताया गया कि 7 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। इस मामले में PWD कार्यपालन यंत्री डीएस यादव और पूर्व में पदस्थ रहे चार कार्यपालन यंत्री सहित 15 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। डीएस यादव के पास शिवपुरी और ग्वालियर दोनों जिलों का चार्ज है। वे उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित हो चुके है। कार्यालय आयुक्त कोष एवं लेखा मध्य प्रदेश के पत्र से यह पूरा मामला उजागर हुआ है।
जानकारी के मुताबिक, 2018 से 2023 तक ट्रेजरी (कोषालय) से 7 करोड़ का भुगतान कपटपूर्ण तरीके से पीडब्ल्यूडी में पदस्थ आउटसोर्स कर्मचारी गोरब श्रीवास्तव सहित अन्य कर्मचारियों के खातों में हुआ है। इस मामले में 2018 से 2023 तक शिवपुरी में पदस्थ रहे पीडब्ल्यूडी कार्यपालन यंत्री से लेकर विभाग के अन्य अधिकारी-कर्मचारियों की भूमिका रही है। 2021 से पीडब्ल्यूडी विभाग शिवपुरी में पदस्थ कार्यपालन यंत्री डीएस यादव मामला उजागर होने के बाद से ऑफिस से नदारद है और न ही वह फोन रिसीव कर रहे है।
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डीएस यादव
इन लोगों पर मामला दर्ज
सिटी कोतवाली पुलिस ने धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया है। 7 करोड़ के इस घोटाले में आरोपी बनाए गए 5 कार्यपालन यंत्री में से 4 सेवा निवृत्त हो चुके है। दो संभागीय लेखपाल भी आरोपी बनाए गए है। साथ ही अन्य कर्मचारी जिनके खातों में करोड़ों की राशि डाली गई। पुलिस ने 2018 से 2023 तक शिवपुरी पीडब्ल्यूडी में कार्यपालन यंत्री रहे ओम हरि शर्मा, जीवी शर्मा, बीएस गुर्जर, हरिओम अग्रवाल सहित वर्तमान में पीडब्ल्यूडी में पदस्थ कार्यपालन यंत्री डीएस यादव के खिलाफ मामला दर्ज किया है। डीएस यादव के पास शिवपुरी और ग्वालियर दोनों जिलों का चार्ज है।
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सिटी कोटतावी टीआई कृपाल सिंह राठौड़ ने बताया कि जिला कोषालय में कार्यरत अमित यादव ने 7 करोड़ रुपये गबन की शिकायत की है। इस मामले में वर्तमान कार्यपालन यंत्री और चार पूर्व कार्यपालन यंत्री समेत 14 लोगों पर विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
घोटालों का जिला बना शिवपुरी
शिवपुरी जिले में कुछ ही सालों में एक के बाद एक करोड़ों रुपये के घोटाले सामने आए है। सहकारी बैंक में हुए 100 करोड़ का भ्रष्टाचार हो या उर नदी प्रोजेक्ट में करोड़ों की मुआवजा राशि में घोटाला, सम्बल योजना में तो जिंदा लोगों को मृतक बनाकर करोड़ों का घोटाला अंजाम दे दिया गया। अब पीडब्ल्यूडी में 7 करोड़ का घोटाला सामने आया है। इ मामले में खास बात यह है कि अधिकतर घोटाले में आउटसोर्स से रखे गए कम्प्यूटर ऑपरेटर की मुख्य भूमिका रही है। या फिर यह कहे कि अधिकारी आउटसोर्स के कंधे पर रखकर घोटालों को अंजाम देते रहे है। हालांकि घोटालों के सभी मामलों में कार्यवाही आज भी लगातार जारी है।

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