Rajasthan News: राजस्थान हाई कोर्ट से मेडिकल आधार पर मिली जमानत की अवधि खत्म होने के बाद मंगलवार दोपहर आसाराम ने जोधपुर सेंट्रल जेल में सरेंडर कर दिया। सफेद टाटा हेक्सा कार में समर्थकों के साथ जेल पहुंचते समय बाएं पैर में प्लास्टर बंधा था, जिससे चलने में परेशानी हो रही थी।

जेल में दाखिल होते ही पुलिस ने चेन और अंगूठी उतरवाई, जिसके बाद व्हीलचेयर की मदद से बैरक तक ले जाया गया। इस दौरान की कुछ तस्वीरें और वीडियो सामने आए, जिसमें लंगड़ाकर चलते नजर आया।
जमानत याचिका पर कल हाई कोर्ट में सुनवाई
आसाराम की जमानत अवधि बढ़ाने को लेकर राजस्थान हाई कोर्ट में कल सुनवाई होगी। अगर फैसला पक्ष में आता है, तो रिहाई संभव होगी, लेकिन अगर जमानत बढ़ाने से इनकार किया जाता है, तो गुजरात हाई कोर्ट से मिली 30 जून तक की जमानत भी बेअसर हो जाएगी।
चूंकि जोधपुर दुष्कर्म केस में आजीवन कारावास की सजा मिली हुई है, इसलिए अगर राहत नहीं मिलती, तो जेल में ही रहकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करनी पड़ेगी। जमानत अवधि बढ़ाने के लिए गुजरात हाई कोर्ट में मेडिकल रिपोर्ट पेश करते हुए दावा किया गया था कि 86 साल की उम्र में इनवेसिव सर्जरी सहन करना मुश्किल होता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत दोषियों के भी अधिकार हैं, जिसमें उचित इलाज का हक शामिल है।
कौन-कौन सी बीमारियों से जूझ रहा है आसाराम?
कोर्ट में पेश की गई जोधपुर AIIMS की एक रिपोर्ट के अनुसार, आसाराम को कोरोनरी आर्टरी डिजीज है, जो हाई रिस्क श्रेणी में आता है। साथ ही नियमित रूप से एंडोक्रिनोलॉजिस्ट और नेफ्रोलॉजिस्ट से काउंसलिंग की जरूरत है। आसाराम की वकील के मुताबिक, आसाराम की कई मेडिकल जांच की गई हैं और सभी विशेषज्ञों की सलाह और रिपोर्ट में कम से कम एक बात समान है कि यह एक घातक स्थिति है।
पढ़ें ये खबरें
- TATA का नया अध्याय: क्या 330 रुपए पर लिस्ट होकर उड़ान भरेगी नई Tata Motors Ltd… या होगी धीमी शुरुआत ?
- बिहार की तर्ज पर MP में भी होगी मखाना की खेती: इन 4 जिलों में लागू होगा पायलट प्रोजेक्ट, 150 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित करने का लक्ष्य
- दिल्ली धमाके के बाद अलर्ट पर बद्रीनाथ धाम, सुरक्षा टाइट, बम निरोधक दस्ता और असम राइफल्स की तैनाती
- तेजस्वी यादव का दावा: 14 को होगी वोटों की गिनती, 18 को शपथ ग्रहण – एनडीए के उड़े होश, गोदी मीडिया पर किया तीखा हमला
- ‘हिंदी बोलने को मजबूर करना या लुंगी का मजाक उड़ाना बर्दाश्त नहीं…,’ केरल के छात्रों से मारपीट मामले में सुप्रीम कोर्ट की ‘एकता वाली टिप्पणी’, केंद्र को दी नसीहत
