शब्बीर अहमद, भोपाल। दिल्ली की सीबीआई टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी एनकाउंटर मामले में एसडीओपी एडविन कर को गिरफ्तार किया है। एडविन पन्ना जिले के गुनौर अनुविभाग में SDOP के पद पर पदस्थ है। यह मामला 2009 में नीमच में हुए बंसी गुर्जर फर्जी एनकाउंटर से जुड़ा है। जहां बंसी गुर्जर नामक एक कथित तस्कर का फेक एनकाउंटर हुआ था। पुलिस ने मुठभेड़ में उसे मारा गया बताया था, लेकिन बाद में वह जिंदा पाया गया।
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जानकारी के मुताबिक कुछ सालों बाद हत्या के मामले में पुलिस ने गुर्जर को गिरफ्तार भी किया था। इस मामले में, बंसी गुर्जर के स्थान पर जिस युवक की मौत हुई थी, पुलिस आज तक उसकी पहचान नहीं कर पाई है। एनकाउंटर की टीम में भोपाल क्राइम ब्रांच के ACP मुख्तर कुरैशी भी शामिल थे। डीएसपी एडविन कर की गिरफ्तारी के बाद मुख्तर कुरैशी अंडरग्राउंड हो गये हैं।
कैसे खुला राज?
दरअसल वर्ष 2009 में नीमच पुलिस ने दावा किया था कि बंशी गुर्जर पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। लेकिन कुछ साल बाद यह खबर सामने आई कि बंशी गुर्जर न केवल जीवित है, बल्कि अलग-अलग जगहों पर छिपकर अपराधों को अंजाम दे रहा है। मामला कोर्ट तक पहुंचा, और 2011 में गिरफ्तार तस्कर घनश्याम धाकड़ ने पुलिस को बताया कि फरारी के दौरान वह बंशी गुर्जर के साथ रह चुका है।बंशी गुर्जर की गिरफ्तारी 20 नवंबर 2011 को उज्जैन से हुई, जिससे साफ हो गया कि 2009 का एनकाउंटर फर्जी था। जांच में यह भी सामने आया कि बंशी गुर्जर ने खुद को मृत साबित करने के लिए नकली दस्तावेज भी तैयार किए थे।
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