Rajasthan News: नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम (Asaram) को राजस्थान हाईकोर्ट से अंतरिम राहत मिली है. कोर्ट ने उनकी इलाज के आधार पर दी गई अंतरिम जमानत की अवधि को बढ़ाते हुए अब 30 जून 2025 तक के लिए विस्तार दे दिया है.

हाईकोर्ट की डबल बेंच ने यह फैसला सोमवार, 7 अप्रैल को सुनवाई के बाद सुनाया. इससे पहले पीड़िता की ओर से कोर्ट में आसाराम की जमानत रद्द करने की याचिका दायर की गई थी. वहीं, आसाराम की ओर से उनके वकीलों ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला देते हुए जमानत अवधि बढ़ाने की अपील की थी.

जेल में सरेंडर के बाद अस्पताल में भर्ती

मिली जानकारी के अनुसार, अंतरिम जमानत की पिछली अवधि समाप्त होने के बाद 2 अप्रैल को आसाराम ने जोधपुर सेंट्रल जेल में सरेंडर किया था. जेल में करीब 10 घंटे बिताने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद देर रात उन्हें पाली रोड स्थित एक निजी अस्पताल ‘आरोग्यम’ में भर्ती कराया गया.

कोर्ट की शर्तों का उल्लंघन बना चिंता का विषय

इससे पहले, कोर्ट ने आसाराम को अंतरिम जमानत देते समय सख्त शर्तें लगाई थीं, जिनमें अनुयायियों से समूह में न मिलना, कोई प्रवचन या सभा न करना, मीडिया से दूरी बनाए रखना और सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों का खर्च उठाना शामिल था. लेकिन हाल ही में सोशल मीडिया पर आसाराम के प्रवचन के वीडियो वायरल हुए, जिन्हें कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की शर्तों का उल्लंघन माना. इस पर कोर्ट ने उनके वकील से शपथ पत्र मांगा था कि शर्तों का पालन किया गया है या नहीं.

गुजरात हाईकोर्ट से भी मिली थी राहत

गौरतलब है कि इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट ने भी आसाराम को मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत दी थी, जिसे अब 30 जून तक बढ़ा दिया गया है. उनके वकील का कहना है कि डॉक्टरों ने उन्हें पंचकर्म थेरेपी कराने की सलाह दी है, जिसकी अवधि 90 दिन की होती है.

2013 में हुआ था रेप का मामला दर्ज

86 वर्षीय आसाराम को 2013 में एक नाबालिग लड़की से रेप के मामले में दोषी ठहराया गया था, जिसके बाद 2023 में कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

अब देखना होगा कि 30 जून तक आसाराम कोर्ट की शर्तों का कितनी सख्ती से पालन करते हैं या फिर कोई नया विवाद सामने आता है.

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