अजय नीमा, उज्जैन। महाकाल की नगरी उज्जैन से सोशल मीडिया पर एक अनोखा और भावुक कर देने वाला वीडियो वायरल हो रहा है। मां बिजासन के दरबार में एक बंदर ने मंदिर में पहुंचकर माता को दंडवत प्रणाम किया फिर यहीं पर अपने प्राण त्याग दिए। ऐसे में मंदिर के पुजारी और लोगों ने बंदर का पूरे विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया। ये घटना पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गई है।

जबलपुर पहुंची दमोह फर्जी डॉक्टर कांड की आंचः यहां के कई अस्पतालों में काम कर चुका है डॉ एन जॉन कैम, युवक कांग्रेस ने ज्ञापन सौंप की जांच की मांग

दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें देखा जा सकता है कि वानर को लाल कपड़े में लपेटकर लाया गया, उसके बाद स्थान विशेष का पूजन कर वहीं पर उसे दफनाया गया। जानकारी के अनुसार, मृत वानर ‘वानर राज केशव’ की मौत मां बिजासन के मंदिर में उस समय हुई जब वह माता को दंडवत प्रणाम कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने प्राण त्याग दिए। बताया जा रहा है कि छत्रीचौक क्षेत्र स्थित सिटी पोस्ट आफिस के पीछे मोचीवाड़ा में श्रवण कुमार उज्जैनिया वर्षों से निवास करते हैं। उनके घर अति प्राचीन मां बिजासन माता का मंदिर स्थित है।

मिनी मुंबई’ की दमघोंटू हवा: देश का सबसे साफ शहर इंदौर प्रदूषण में भी नंबर 1, AQI लेवल लगातार 100 के पार

जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता की पूजा अर्चन और दर्शन करने के लिए आते हैं। मंदिर में एक वानर राज अचानक पहुंचा, जो कि पहले काफी देर तक मंदिर पर लगी ध्वजा के पास बैठा हुआ था। इस समय मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ थी। लेकिन जैसे ही उसे मौका मिला तो वह तुरंत मंदिर में पहुंचा और यहां उसने बिजासन माता को प्रणाम करने के बाद अपने प्राण त्याग दिए। मंदिर में बंदर की मौत को श्रद्धालुओं और पुजारी परिवार ने माता के एक भक्त की तरह समझा और पूर्ण विधि विधान के साथ बंदर को भूखी माता क्षेत्र में ले जाकर दफनाते हुए उसका अंतिम संस्कार किया।

लाडली बहना योजना की किस्त में देरी पर PCC चीफ ने उठाए सवाल, पूछा- क्या कर्ज में कमी हो गई या नीयत बदल गई ? सरकार से की ये मांग

ऐसे किया अंतिम संस्कार

बंदर की मौत के बाद विधि विधान से उसका अंतिम संस्कार किए जाने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें कुछ लोग बंदर को दफनाने के साथ ही अन्य कार्य करते दिखाई दे रहे हैं। विनायक उज्जैनिया ने बताया कि हम वानर राज को हनुमान जी का स्वरूप मानते हैं इसीलिए मंदिर में हुई इस घटना के बाद हम बंदर के शरीर को लाल रंग के कपड़े में लपेटकर भूखी माता क्षेत्र पहुंचे थे। जहां हमने एक गड्ढा खोदा और उसके बाद बंदर का अंतिम संस्कार किया।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H