आशुतोष तिवारी, रीवा. जिले से बाणसागर परियोजना के तहत एक चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा सामने आया है. जहां कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर नियुक्त एक महिला की जगह उसका पति सालों से काम करता रहा. इस दौरान उसने विभाग को करीब 55 लाख रुपये का नुकसान पहुंचाया. जांच में घोटाला साबित होने के बाद पुलिस ने पति-पत्नी दोनों के खिलाफ अलग-अलग एफआईआर दर्ज की है.

कंप्यूटर ऑपरेटर की आड़ में घोटाले को दिया गया अंजाम

बाणसागर परियोजना के क्योंटी नहर संभाग में निविदा पद्धति के जरिए महिला दुर्गेश गुप्ता पति संतोष गुप्ता को कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में नियुक्त किया गया था. लेकिन कार्यालय में काम उसका पति संतोष गुप्ता करता था. जो विभाग की जानकारी के बिना सालों से यह कार्य करता रहा. इस दौरान उसने मृत कर्मचारी गिरीश कुमार मिश्रा के खाते में 35 लाख रुपये ट्रांसफर भी किए. जबकि उसके वेतन का भुगतान केवल 1.6 लाख रुपए लंबित था. लेकिन आरोपी ने कूट रचित तरीके से 35.53 लाख रुपए खाते में डलवाए. बाद में उसने वह रकम अपने निजी खाते में ट्रांसफर करवा लिया.

दंपति पर FIR दर्ज

यह पूरा खेल विभाग की नजरों से छिपा रहा. जब तक कि विभाग के उच्च अधिकारियों को इसकी भनक नहीं लगी. वहीं अब कलेक्टर के निर्देश पर जांच समिति का गठन किया गया. जांच में घोटाले की पुष्टि होने पर समान थाना में शिकायत दर्ज करवाई गई है. पुलिस ने संतोष गुप्ता और उसकी पत्नी दुर्गेश गुप्ता के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है.

परियोजना के अधिकारियों ने की शिकायत

मामले में सीएसपी शिवाली चतुर्वेदी ने कहा कि सालों से किया जा रहा वित्तीय गबन बाणसागर क्योंटी नहर परियोजना और नईगढ़ी परियोजना के अधिकारियों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. साल 2019-20 के बीच में 36.94 लाख रुपए का गबन किया गया. इसी तरह साल 2020 -2021 में 18.43 लाख रुपए का अतिरिक्त गबन सामने आया है. संतोष गुप्ता और दुर्गेश गुप्ता को आरोपी बनाया गया है.

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