Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) के पहलगाम में 22 अप्रैल (मंगलवार) को दोपहर करीब 2.45 बजे आतंकियों ने बड़ा हमला करते हुए 26 लोगों की जान ले ली। आतंकवादियों ने बैसरन घाटी घूमने आए पर्यटकों को निशाना बनाया गया। पुलवामा के बाद ये अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला है। आतंकवादियों के हमले में कर्नाटक के शिवमोगा जिले के मंजूनाथ की पहलगाम हमले में मौत हो गई है, जो अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने के लिए यहां पहुंचे थे। मंजूनाथ अपनी पत्नी पल्लवी और अपने छोटे बेटे के साथ घाटी घूमने गए थे।
पल्लवी ने हमले के खौफनाक मंजर को याद करते हुए बताया, ‘हम तीन लोग- मैं, मेरे पति और हमारा बेटा कश्मीर गए थे। हम पहलगाम में थे। मुझे लगता है कि हमला दोपहर 1.30 बजे के आसपास हुआ। वह मेरी आंखों के सामने मौके पर ही मर गए। पल्लवी ने कहा कि यह अभी भी एक बुरे सपने जैसा लगता है। पल्लवी ने बताया कि हमले के तुरंत बाद स्थानीय नागरिक उनकी मदद के लिए आगे आए और तीन स्थानीय लोगों ने उनकी जान बचाई।
हमले में बचकर निकली पल्लवी के मुताबिक आतंकी हिंदुओं को निशाना बना रहे थे और तीन-चार लोगों ने पर्यटकों पर हमला किया था। पल्लवी ने बताया, ‘मैंने उनसे कहा- मुझे भी मार दो, तुमने मेरे पति को पहले ही मार दिया है, उनमें से एक ने कहा, ‘मैं तुम्हें नहीं मारूंगा, जाओ मोदी को ये बता देना।

पति का शव वापस लाने की मांग
उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे सुनिश्चित करें कि उनके पति का शव जल्द से जल्द शिवमोगा वापस लाया जाए। उन्होंने कहा कि शव को आसानी से नीचे नहीं लाया जा सकता, इसे हवाई मार्ग से ले जाने की जरूरत है। हम चाहते हैं कि शव तुरंत वापस लाया जाए। हमले से पहले मृतक मंजूनाथ और उनकी पत्नी पल्लवी ने डल झील में शिकारा राइड की थी, जिसका वीडियो अब सामने आया है।
‘हमारा मजहब खतरे में…’
पीड़ित ने आगे बताया, “आतंकियों ने हमें ‘मोदी जी के नाम पर धमकाया और कहा कि ‘तुम लोगों ने मोदी को सिर पर चढ़ा रखा है, उसकी वजह से हमारा मजहब खतरे में है। घटनास्थल पर 50 से अधिक लोग मौजूद थे। घटना के बाद सेना ने लोगों को रेस्क्यू किया और अस्पताल पहुंचाया।
कानपुर के शुभम द्विवेदी की पत्नी के सामने मारी गोली
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में कानपुर के शुभम द्विवेदी की मौत हो गई। आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया, उनसे धर्म पूछा और शुभम को उनकी पत्नी के सामने गोली मार दी। जिस वक्त हादसा हुआ तब शुभम और उनकी पत्नी घुड़सवारी कर रहे थे। आतंकी हमले में मारे गए कानपुर के शुभम सीमेंट कारोबारी हैं. 17 अप्रैल को वो अपनी पत्नी एशान्या, परिवार और रिश्तेदारों के साथ जम्मू-कश्मीर घूमने गए थे। उनकी टीम में 11 सदस्य थे. शुभम के भाई सौरभ ने बताया कि उन्हें दोपहर तीन बजे फोन आया कि आतंकी हमला हुआ है और शुभम को गोली मार दी। उन्होंने बताया की एशान्या से बात हुई, वो घबराई हुई यहीं और रो रहीं थीं। पता चला कि काफी देर तक भगदड़ मची रही।
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