Vastu Dosh In Home: कई बार हमें यह पता नहीं चलता कि घर में मौजूद वास्तु दोषों के कारण भी अनेक बीमारियां स्वतः ही उत्पन्न हो जाती हैं. इन समस्याओं से बचने के लिए वास्तु के नियमों का पालन करना आवश्यक होता है, जैसे- रसोई की सही दिशा, दीवारों का उपयुक्त रंग (हल्के और सात्विक रंग), घर के कोनों का संतुलन, और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखना.
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विभिन्न दिशाओं और वास्तु दोषों से जुड़ी संभावित स्वास्थ्य समस्याएं (Vastu Dosh In Home)
- पेट संबंधी समस्याएं, गैस, और रक्त विकार: यदि रसोई उत्तर-पूर्व दिशा में हो तो ऐसी बीमारियां बढ़ सकती हैं.
- पैरों में दर्द और सूजन: भोजन बनाते समय यदि मुख दक्षिण दिशा की ओर हो, तो यह परेशानी हो सकती है.
- नींद न आना, थकान, बेचैनी, सिरदर्द, चक्कर आना: ये लक्षण ऊर्जा असंतुलन के कारण उत्पन्न होते हैं, जो वास्तु दोष से संबंधित होते हैं.
- हृदय रोग, लकवा, हड्डी और स्नायु संबंधी रोग: विशेषकर जब दक्षिण-पश्चिम दिशा में वास्तु दोष हो.
- त्वचा और हड्डी रोग: जब गृहिणी का मुख दक्षिण दिशा की ओर होता है.
- आंख, नाक, कान और गले की समस्याएं: यदि खाना बनाते समय मुख पश्चिम की ओर हो.
- यौन रोग और मानसिक विकार: ये भी वास्तु दोष के कारण हो सकते हैं.
- गंभीर बीमारियां जैसे कैंसर और ब्रेन हेमरेज: गलत कोनों में बने बाथरूम या अन्य असंगत दिशाओं के कारण हो सकती हैं.
इसके अतिरिक्त, घर में बार-बार इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का खराब होना, आपसी झगड़े और परिवार के सदस्यों का बार-बार बीमार पड़ना भी वास्तु दोष के प्रमुख संकेत हो सकते हैं.
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