अंबिकापुर। तमिलनाडु में अम्मा कैंटीन काफी मशहूर है. ये मशहूर है कम कीमत पर गरीबों को खाना खिलाने के लिए. लेकिन छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर की महिलाओं ने इस कैंटीन को भी पीछे छोड़ दिया. अम्मा कैंटीन में कम कीमत पर खाना खिलाया जाता है लेकिन अंबिकापुर में इन महिलाओं ने गरीबों को मुफ्त में भरपेट खाना खिलाने की शरुआत की है.
यहां कंपनी बाज़ार में रात को हर गरीब को खाना खिलाने का बीड़ा यहां की महिलाओं ने उठाया है. ये महिलाओं शहर के बेसहारा और गरीब लोगों को हफ्ते में चार दिन खाना खिलाती हैं. इसमें से शनिवार का दिन तय है और बाकी के तीन दिन सुविधानुसार होते हैं.
इसकी शुरुआत समाजसेविका वंदना दत्ता ने की थी. धीरे-धीरे उनके प्रयास में तमाम महिलाएं जुड़ती चली गईं और ये सिलिसिला चल पड़ा. दत्ता का कहना है कि उन्हें खाना खिलाने का ख्याल सड़कों पर भीख मांग कर गुजरा करने वालों को देखकर आया.
शुरुआत उन्होंने अपने घर से की. पहले अपने घर मे ही बने चावल, दाल, सब्जी और आचार तैयार कर शहर के कंपनी बाज़ार में मौजूद ग़रीबो को प्लेट में खाना खिलाना शुरू किया. जब ये बात शहर के कुछ महिलाओं को पता चला तो वंदना दत्ता के इस काम में वे साथ हो चली. धीरे-धीरे भोजन कराने का सिलसिला हफ्ते में एक दिन से बढ़ता चला गया.
अब शहर के तमाम गरीबों का मालूम है कि अब रात को उन्हें खाली पेट नहीं सोना पड़ेगा.