कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के विजयपुर विधानसभा से कांग्रेस विधायक को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। पूर्व वन मंत्री रामनिवास रावत द्वारा दायर की गई चुनाव याचिका मामले में हाईकोर्ट में अहम सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि चुनाव प्रत्याशी का आपराधिक रिकॉर्ड जानना हर वोटर का हक होता है। मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी।

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चुनावी हलफनामे में आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी छिपाने का आरोप

दरअसल छः बार के विधायक रामनिवास रावत बीते वर्ष हुए विजयपुर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश मल्होत्रा से हार गए थे। उन्होंने कांग्रेस विधायक पर चुनावी हलफनामे में आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी छिपाने का आरोप लगाते हुए इलेक्शन पिटीशन दायर की है। जिसके जरिए मुकेश मल्होत्रा के निर्वाचन को निरस्त करने की मांग की गई। हाई कोर्ट में मुकेश मल्होत्रा की ओर से आवेदन देकर याचिका को निरस्त करने की मांग की गई थी, लेकिन हाई कोर्ट ने उनका ही आवेदन निरस्त कर दिया है। 

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प्रत्याशियों की आपराधिक पृष्ठभूमि को जानना प्रत्येक मतदाता का मौलिक अधिकार- हाईकोर्ट 

हाई कोर्ट ने भारतीय निर्वाचन आयोग और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व में दिए गए निर्देशों का हवाला देते हुए टिप्पणी की है, हाईकोर्ट ने कहा है कि चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की आपराधिक पृष्ठभूमि को जानना प्रत्येक मतदाता का मौलिक अधिकार है। भारतीय निर्वाचन आयोग बार-बार इस बात को दोहराता है कि प्रत्याशी संपूर्ण आपराधिक रिकार्ड की जानकारी दें। ताकि उस विधानसभा में रहने वाले प्रत्येक मतदाता को उसकी जानकारी मिल सके। फिलहाल हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश मल्होत्रा की आवेदन याचिका को निरस्त करते हुए अगली सुनवाई 5 मई को तय की है।

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