(सुधीर दंडोतिया की कलम से)

मौन से मन मारकर रहना पड़ा

बात विपक्षी दल के कैंडल मार्च की है. मार्च करीब आधा घंटा तक चलना था. यह सोचकर वक्तागण उत्साहित थे कि बड़े नेताओं की मौजूदगी में गला साफ करने का भरपूर मौका मिलेगा. एन मौके पर पता चला कि कैंडल मार्च तो मौन के साथ होगा, लिहाजा मौन के लिहाज में रहना पड़ा और बाइट बस पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ तक ही सीमित रह गई.

बड़े नेताओं के अलग-अलग चलने से समर्थकों की हुई फजीहत

बात सत्ताधारी और प्रमुख विपक्षी दल दोनों की है. मशाल जुलूस और कैंडल जुलूस के दौरान प्रमुख नेता अलग-अलग चल पड़े. नेता अलग-अलग चले तो उनके साथ चल रहे समर्थक भी बंट से गए. कुछ दूर तक तो यह चलता रहा, लेकिन सभी जगह अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में कार्यकर्ताओं की फजीहत हुई. कम समय के लिए ही सही लेकिन इधर-उधर दौड़ लगाना पड़ीं.

प्रदेश अध्यक्ष के लिए खुफिया मीटिंग

यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को लेकर लगभग तस्वीर साफ हो गई है कि एक तरफ दिग्विजय सिंह, जीतू पटवारी का उम्मीदवार होगा तो दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, कमलेश्वर पटेल, अरुण यादव, आरिफ मसूद का उम्मीदवार. अध्यक्ष पद के लिए सिर्फ दो दावेदार किला लड़ाते हुए नजर आएंगे, जिसके पास ज्यादा वोट होगा वही चुनाव जीतेगा. यह सब कोई जानते हैं. अब अध्यक्ष पद के लिए खुफिया मीटिंग शुरू हो चुकी है कुछ दिन पहले नेता प्रतिपक्ष के घर पर भी यूथ कांग्रेस के नेताओं के बीच खुफिया मीटिंग हुई जिसमें सामने वाले गुट को किस तरीके से हराना है इसको लेकर मंथन हुआ.

हॉकर्स कॉर्नर के लिए जगह तलाशी बन गई मजार

भोपाल में 7-8 साल पहले हॉकर्स कॉर्नर बनाने की मुहिम बहुत जोर से चली थी. कई वार्ड में तो हॉकर्स कॉर्नर बने भी, यह अलग बात है कि सभी शुरू नहीं हो पाए. भोपाल में एक पूर्व विधायक के निवास के आसपास हॉकर्स कॉर्नर के लिए जगह तलाशी गई. साफ सफाई हुई ही थी कि कुछ दिन बाद पता चला कि वहां बीचोंबीच मजार बन गई है. आप प्लानिंग करने वाले नेताजी सकते में हैं कि आखिर मजार हो हटाएं तो हटाएं कैसे.

बुंदेलखंड से मिलेगा अध्यक्ष दो गुटों ने मिलाया हाथ !

मध्य प्रदेश युवक कांग्रेस में 6 साल बाद चुनाव का ऐलान कर दिया गया. चुनाव के ऐलान के बाद से कई नेताओं अपने समर्थकों के लिए लॉबिंग में जुट गए हैं. पर्दे के पीछे से बड़े नेता अपने समर्थक को अध्यक्ष बनाने के लिए गोटिया फिट कर रहे हैं. खबर है इस बार अध्यक्ष सवर्ण वर्ग से होगा वो भी बुंदेलखंड से. कांग्रेस के हमारे खुफिया सोर्स का तो यहां तक कहना है बुंदेलखंड के इन ठाकुर साहब नेता के लिए दो गुटों ने आपस में हाथ भी मिला लिया है.

तबादला खुलने से पहले रेट खुले !

अगले महीने से मध्य प्रदेश में लंबे समय से तबादले पर जो ताला लटका हुआ था वो खुलने जा रहा है. ट्रांसफर से रोक हटाने की खबरों के बीच दलाल भी सक्रिय हो गए हैं. अलग-अलग विभागों में अलग-अलग ये दलाल सक्रिय है. सभी ने पद के हिसाब से तबादला के रेट तय कर दिए हैं. बस अब दलालों को इंतजार है ट्रांसफर रोक हटने का.

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