अजयारविंद नामदेव, शहडोल. हाल ही में शहडोल जिले के देवलौंद थाना क्षेत्र में बारातियों से भरी पिकअप पलटने से 5 लोगों की मौत हो गई थी. बावजूद इसके न तो पुलिस-प्रशासन और न ही RTO ने सबक लिया. धनपुरी थाना क्षेत्र में क्षमता से अधिक लोगों को पिकअप में भरकर वैवाहिक कार्यक्रम में ले जाया गया. चौंकाने वाली बात यह है कि यह सब कुछ धनपुरी थाने के सामने से होता हुआ गुजर गया, लेकिन पुलिस ने आंखें मूंद ली. मानो प्रशासनिक व्यवस्था ने हादसों को न्यौता देने की खुली छूट दे दी हो.

धनपुरी क्षेत्र में पिकअप वाहन चालक अब बेखौफ हो चुके हैं. उन्हें न तो पुलिस का डर है और न ही आरटीओ का. वो थाने के सामने से क्षमता से कई गुना अधिक लोगों को जानवरों की तरह ठूंसकर वाहन चलाते हुए गुजर रहे हैं. जैसे उन्हें पता हो कि कोई उन्हें रोकने वाला नहीं है. यह स्थिति कानून और प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है.

सवालों के घेरे में पुलिस और आरटीओ विभाग

देवलौंद हादसे के बाद प्रशासन को जिलेभर ऐसे अवैध परिवहन पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. लेकिन जमीनी सच्चाई इससे ठीक उलट है. न तो चेकिंग अभियान चलाए जा रहे हैं और न ही क्षमता से अधिक सवारी भरने वाले वाहनों पर कोई कार्रवाई रही है.

लापरवाह सिस्टम पर कब लगेगी लगाम?

इधर, स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर पहले से ही सख्ती बरती जाती तो पांच लोगों जान नहीं जाती. अब भी लापरवाही जारी है, जिससे साफ होता है कि प्रशासनिक अमला जानबूझकर या तो अनदेखी कर रहा है या गंभीरता से मामले को नहीं ले रहा.

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