रमेश सिन्हा, पिथौरा. छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग ने महासमुंद जिले के पिथौरा विकासखंड शिक्षा अधिकारी केके ठाकुर को गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और कर्तव्यहीनता के चलते तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. राज्य शासन की ओर से जारी आदेश के अनुसार, बीईओ ठाकुर पर अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में घोर लापरवाही, स्वेच्छाचारिता और नियमों की अवहेलना करते हुए शासन की वित्तीय संहिताओं का उल्लंघन करने का आरोप है.

जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बीईओ ठाकुर ने बिना सक्षम प्राधिकारी की लिखित अनुमति के शासन से प्राप्त ₹16,61,163 (सोलह लाख इकसठ हजार एक सौ तिरेसठ रुपए) की मुआवजा राशि जो शासकीय मिडिल स्कूल भगतदेवरी के फोरलेन सड़क परियोजना में अधिग्रहण के एवज में मिली थी इसे दो वर्षों तक अपने पास रखा. इतना ही नहीं, उन्होंने अवकाश स्वीकृत किए बिना ही अनुपस्थिति अवधि का वेतन भी आहरित किया. यह पूरा कृत्य छत्तीसगढ़ वित्तीय संहिता, कोषालय संहिता, और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के स्पष्ट उल्लंघन की श्रेणी में पाया गया.

केके ठाकुर के इस आचरण को शासन ने गंभीर कदाचार मानते हुए छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय महासमुंद नियत किया गया है. नियमानुसार उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता प्रदान किया जाएगा. इस कार्रवाई की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री कार्यालय, लोक शिक्षण संचालनालय, कलेक्टर महासमुंद, संभागीय संयुक्त संचालक रायपुर सहित संबंधित अधिकारियों को भी भेज दी गई है.

शिक्षा विभाग में लंबे समय से शिकायतें आ रही थी कि कुछ अधिकारी वित्तीय प्रबंधन में घोर लापरवाही बरत रहे हैं. केके ठाकुर के विरुद्ध भी कई शिकायती पत्र शासन को प्राप्त हुए थे, जिनकी गंभीरता से जांच कराई गई. साक्ष्यों के आधार पर यह कठोर कदम उठाया गया है. माना जा रहा है कि शासन की ओर से इस मामले में आगे और भी कठोर प्रशासनिक एवं विधिक कार्रवाई की जा सकती है.