Rajasthan Politics: राजस्थान के पूर्व विधायक और हाल ही में भाजपा से निष्कासित किए गए ज्ञानदेव आहूजा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। दौसा जिले के बसवा थाना क्षेत्र में उनके खिलाफ एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर दर्ज की गई है, जिसमें उनके खिलाफ अनुसूचित जाति के व्यक्ति के प्रति अमर्यादित टिप्पणी करने का आरोप है।

क्या है पूरा मामला
बसवा तहसील के काटरवाड़ा निवासी और राजस्थान मेघवंश महासभा के युवा प्रदेश अध्यक्ष सतीश कुमार बलाई ने एससी-एसटी कोर्ट, दौसा में इस्तगासा पेश कर पूर्व विधायक आहूजा पर गंभीर आरोप लगाए। बलाई के अनुसार, 6 अप्रैल 2025 को कांग्रेस नेता एवं नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली जब राममंदिर, शालीमार में दर्शन के लिए पहुंचे, तब ज्ञानदेव आहूजा ने सार्वजनिक रूप से उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की और मंदिर को अपवित्र करने का आरोप लगाया। इससे शिकायतकर्ता सहित अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों की भावनाएं आहत हुईं।
पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नहीं होने पर कोर्ट का सहारा
सतीश कुमार ने पहले बसवा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। बाद में उन्होंने रजिस्ट्री के माध्यम से थाने और पुलिस अधीक्षक दौसा को शिकायत भेजी, परन्तु तब भी कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार, उन्होंने एससी-एसटी अत्याचार निवारण न्यायालय में इस्तगासा दायर किया। कोर्ट ने मामला संज्ञान में लेते हुए बसवा पुलिस थाने को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।
अब कोर्ट की निगरानी में चलेगा जांच कार्य
बसवा पुलिस ने अदालत के आदेश के बाद ज्ञानदेव आहूजा के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इस केस की जांच का जिम्मा वृत्ताधिकारी (सीओ) बांदीकुई, रोहिताश लाल को सौंपा गया है। अब इस पूरे मामले की अगली कार्रवाई कोर्ट और जांच रिपोर्ट पर निर्भर करेगी।
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