भारत ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर कठघरे में खड़ा किया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत ने विशेष रूप से पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के उस बयान का उल्लेख किया है, जिसमें उन्होंने आतंकवादियों को संरक्षण देने की बात स्वीकार की है. भारत का कहना है कि इस ‘स्वीकृति’ से उन्हें कोई आश्चर्य नहीं हुआ है. पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव बढ़ गया है.

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भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने यूएन में कहा कि पूरी दुनिया ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के आतंकवादी संगठनों को समर्थन, फंडिंग और प्रशिक्षण देने के इतिहास को स्वीकार किया है. इस स्वीकार्यता से किसी को आश्चर्य नहीं हुआ, और यह पाकिस्तान को एक दुष्ट राष्ट्र के रूप में प्रस्तुत करता है, जो वैश्विक स्तर पर आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और क्षेत्र में अस्थिरता पैदा कर रहा है. दुनिया इस सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ सकती.

क्या बोला था पाकिस्तान

एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान आसिफ से पूछा गया कि क्या वह मानते हैं कि पाकिस्तान का आतंकवादी संगठनों को फंडिंग और प्रशिक्षण देने का एक लंबा इतिहास है. इस पर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने उत्तर दिया कि यह गंदा काम अमेरिका और ब्रिटेन सहित पश्चिम के लिए पिछले तीन दशकों से किया जा रहा है. उन्होंने इसे एक गलती बताया और कहा कि इसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

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रिपोर्टों के अनुसार, इंटरव्यू के दौरान उन्होंने लश्कर-ए-तैयबा के अस्तित्व से इनकार किया. इसके साथ ही, उन्होंने द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के बारे में जानकारी न होने की बात भी कही. उनका कहना था कि लश्कर एक पुराना नाम है और अब यह सक्रिय नहीं है.

2008 के बाद पहलगाम में सबसे बड़ा आतंकी हमला

योजना पटेल ने 22 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का मुद्दा उठाया, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी. उन्होंने इसे 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में हुआ सबसे बड़ा आतंकवादी हमला बताया, जिसमें सबसे अधिक जानें गईं. पटेल ने यह भी कहा कि भारत लंबे समय से सीमा पार आतंकवाद का शिकार रहा है, और पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने स्वयं स्वीकार किया है कि उनके देश में आतंकियों को प्रशिक्षण दिया जाता है. यह कोई नई बात नहीं है, पाकिस्तान ने अतीत में भी ऐसा किया है और वर्तमान में भी जारी है.

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संयुक्त राष्ट्र की बैठक में योजना पटेल ने बिना पाकिस्तान का उल्लेख किए कहा कि एक देश के प्रतिनिधियों ने इस मंच का दुरुपयोग किया और भारत पर निराधार आरोप लगाए. उन्होंने पहलगाम हमले के बाद भारत को समर्थन देने के लिए संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों का आभार व्यक्त किया. पटेल ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत कभी आतंकवाद के शिकारों को नहीं भूलेगा और उन्हें न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेगा.