शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश के बीना से विधायक निर्मला सप्रे एक बार फिर चर्चा में आ गई हैं। कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीतने के बाद बीजेपी में शामिल हुई सप्रे ने अभी तक अपने विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है। वहीं भाजपा की मंडल कार्यसमिति में उनका नाम आने से विवाद और गहरा गया है। पार्टी ने उन्हें बीना नगर मंडल का स्थाई आमंत्रित सदस्य घोषित कर दिया था, जिसे बाद में ‘गलती’ बताते हुए हटा दिया गया। जिसके बाद कांग्रेस ने उनकी सदस्यता को लेकर एक बार फिर सवाल उठाए हैं। 

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नेता प्रतिपक्ष ने साधा निशाना 

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बयान देते हुए कहा कि बीजेपी साफ करें की उन्होंने निर्मला सप्रे को स्वीकार किया है या नहीं। अगर निर्मला सप्रे को स्वीकार नहीं किया है, तो प्रदेश अध्यक्ष ये भी बताएं, चुनावी मैदान में आना है तो आखिर क्यों कोर्ट में देरी करवाई जा रही है। सिंघार ने कहा कि इन्हीं सब कारण से निर्मला सप्रे की सदस्यता को लेकर वे हाईकोर्ट गए। कल सुनवाई हुई थी, लेकिन 16 मई को अब अगली सुनवाई होगी। 

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भारतीय जनता पार्टी बीना चुनाव से भाग रही- उमंग सिंघार 

सिंघार ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी बीना चुनाव से भाग रही है। बीजेपी में क्या क्षमता नहीं है, इसलिए कोर्ट से देरी करवाई जा रही है। अगर आप चुनाव जीत सकते हैं तो तत्काल निर्मला सप्रे को बोलकर इस्तीफा दिलवाएं। दरअसल लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी मंच पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के सामने भाजपा का गमछा पहन कर भाजपा में आने का ऐलान करने वाली सागर जिले की कांग्रेस से जीती एकमात्र बीना विधायक निर्मला सप्रे ने अभी तक अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है।

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