शशांक द्विवेदी, खजुराहो। छतरपुर जिले के मझगुवा गांव में नाबालिग की शादी होने जा रही थी। हल्दी रस्म के बाद सभी तैयारियों में जुटे हुए थे। लेकिन इसकी जानकारी महिला बाल विकास को लग गई। जिसके बाद टीम ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को समझाइश दी और शादी रुकवा दी।
29 अप्रैल को होनी थी नाबालिग की शादी
दरअसल कल 29 अप्रैल को 16 साल की नाबालिग की शादी होनी थी। राजनगर महिला बाल विकास अधिकारी रजनी शुक्ला पुलिस के साथ मौके पर पहुंची। उन्होंने परिजनों को समझाया कि 18 साल से कम उम्र में शादी करना कानूनन अपराध है। साथ ही चेतावनी भी दी कि अगर बारात आई तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उनकी समझाइश के बाद दोनों पक्ष मान गए, और विवाह रोक दिया गया।

शासन की मंशा बाल विवाह रोकने की
महिला बाल विकास की पर्यवेक्षक मीरा बाजपेयी ने कहा कि शासन की मंशा बाल विवाह रोकने की है। इससे बालिकाओं के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है, टीम ने परिवार को यह भी समझाया कि विवाह कार्ड पर बाबा साहेब अंबेडकर की फोटो लगाने से ही काम नहीं चलेगा। उनके बनाए कानूनों का पालन भी करना होगा, और बालिका की जितनी उम्र अभी 18 वर्ष पूर्ण होने बाकी है वह पूर्ण हो जाने के बाद ही, आप उसकी शादी करें अभी पढ़ाई लिखाई कराए।
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