वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के लालपुर-पांडेयपुर क्षेत्र के खजुरी इलाके में 19 वर्षीय युवती से गैंगरेप के आरोपी की जमानत अर्जी मंगलवार को कोर्ट ने खारिज कर दी। फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट (प्रथम) कुलदीप सिंह की अदालत ने मीरापुर बसही, थाना शिवपुर निवासी आरोपी अनमोल गुप्ता की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा कि विलंब से प्रथम सूचान रिपोट दर्ज करने पर अभियोजन को इसका कारण स्पष्ट करना लागू नहीं होता है और दुराचार जैसे मामलों में विलंब का कोई महत्व नहीं होता।

अनैतिक देह व्यापार का मामला लंबित

इस मामले में आरोपी का कोई अपराधी इतिहास अभियोजन ने प्रस्तुत नहीं किया है। लेकिन आरोपी के अधिवक्ता की ओर से इलाहाबाद उच्च न्यायलय के आपराधिक अग्रिम जमानत अर्जी में पारित आदेश प्रस्तुत की गई है जिससे प्रीलक्षित होता है कि आरोपी के खिलाफ कैंट थाने में वर्ष 2022 में अनैतिक देह व्यापार का मामला लंबित है और आरोपी आपराधिक पृष्ठभूमि का है। आरोपी द्वारा अन्य सहआरोपियों के साथ मिलकर 31 मार्च 2025 को आरोपी के सिगरा स्थित कैफे के कमरे में पीड़िता को नशीला पदार्थ पिलाकर जबरस्ती सामूहिक दुराचार किया गया है।

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आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी

इस परिस्थितियों के मुद्देनजर गुण दोष के विचार किए बिना आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी। पीड़िता की ओर से अधिवक्ता महेंद्र कुमार सिंह, प्रदीप कुमार, सतीश यादव व धनंजय यादव ने जमानत अर्जी का विरोध किया। वादी मुकदमा की तहरीर पर थाना लालपुर/पाण्डेयपुर में गैंगरेप समेत कई बड़े मामलो में आरोपी अनमोल गुप्ता व ग्यारह सह आरोपी एवं अन्य ग्यारह अज्ञात के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गई थी।

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आरोपी पर आरोप है कि उसने अन्य सहआरोपी के साथ मिलकर 31 मार्च 2025 को अनमोल गुप्ता के सिगरा स्थित कान्टिनेन्टल कैफे के कमरे में पीड़िता को अत्यधिक मात्रा में नशीला पदार्थ पिलाकर जबरदस्ती सामूहिक रूप से गलत काम किया तथा अन्य सहआरोपी द्वारा भिन्न -भिन्न तिथियों पर भिन्न -भिन्न जगहों पर पीड़िता को नशीला पदार्थ खिलाकर नशे की हालत में जबरदस्ती सामूहिक रूप से गलत काम किया। बता दें कि गैंगरेप का यह मामला अत्यंत संवेदनशील है। इसे प्रधानमंत्री ने भी संज्ञान लिया था। वहीं मामले में प्रशासनिक जांच के बाद लापरवाही के आरोप में डीसीपी चंद्रकांत मीणा को हटा दिया गया था।