प्रतीक चौहान. रायपुर. गर्मियां शुरू हो चुकी हैं. शहर के बाजारों में आम का सीजन शुरू हो चुका है. आम गर्मियों के सबसे पसंदीदा फलों में से एक माना जाता है. आम न सिर्फ स्वाद में लाजवाब होता है. बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद माना जाता है. गर्मियां शुरू होते ही आम अधिकतर लोगों की पहली पसंद बन जाता है. इस सीजन में आम की बढ़ती मांग के बीच कुछ लोग इसे जल्दी पकाने के लिए केमिकल्स का सहारा लेते हैं. खासतौर पर इसके लिए कैल्शियम कार्बाइड जैसे खतरनाक केमिकल का इस्तेमाल करते हैं. जो सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक है. एफएफएसएआई ने इसके लिए चेतावनी जारी की है.

इसलिए होते हैं हेल्थ के लिए हानिकारक

अक्सर आम पकाने में जिस गैस का यूज किया जाता है. कैल्सियम कार्बाइड के पत्थर या पाउडर से नमी के संपर्क में आने से एसिटिलीन गैस निकलती है. एसिटिलीन एक उ वलनशील हेल्थ के लिए हानिकारक गैस है. यही गैस वेल्डिंग में भी उपयोग होती है. एसिटिलीन निकल जाने के बाद बने पाउडर में आर्सेनिक जैसे हैवी मेटल इत्यादि की अशुद्धियां रह जाती हैं. जो आम के ऊपरी छिलके में लग सकती हैं. यह गैस इस दौरान पकाए गए आम को खाने पर नुकसान कर सकती है. इसके अलावा इसमें फॉस्फीन और हाइड्रोजन सल्फाइड गैस भी निकल सकती है जो हेल्थ लिए अत्यधिक हानिकारक होती है.

मुनाफे के लिए यूज करते हैं मुनाफाखोर

कैल्शियम कार्बाइड एक केमिकल है. इसका यूज आमतौर पर फैक्ट्रियों में इस्तेमाल होता है. कुछ मुनाफाखोर लोग इसका इस्तेमाल अवैध तरीके से फलों को जल्दी पकाने के लिए करते हैं. ऐसे फल बाहर से पके हुए लगते हैं. लेकिन अंदर से कच्चे रह सकते हैं. जो सेहत के लिए नुकसानदायक हैं. यही वजह है कि भारत सरकार ने फलों को पकाने में कैल्शियम कार्बाइड के इस्तेमाल पर रोक लगा रखी है. कैल्शियम कार्बाइड से पके फल कई तरह से हेल्थ के लिए समस्या पैदा कर सकते हैं.

केमिकल से जहरीले हो रहे फल

एक्सपर्ट्स कहते है कि कुछ लोग कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल फलों को जल्दी पकाने के लिए करते हैं. यह तरीका खतरनाक है. क्योंकि इससे फल जहरीले हो सकते हैं. कैल्शियम कार्बाइड की धूल सांस लेने से खांसी, सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है. गंभीर मामलों में, इससे श्वांस लेने में समस्या हो सकती है. कैल्शियम कार्बाइड त्वचा और आंखों को जला सकता है.

एफएफएसएआई ने जारी की चेतावनी

भारत में ‘प्रीवेंशन ऑफ फूड एडल्ट्रेशन रूल, 1955 की धारा 44 एए’ के तहत कैल्शियम कार्बाइड से फलों को पकाने पर प्रतिबंध है. हाल ही में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी एफएफएसएआई ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं. साथ ही यह भी कहा है कि जो लोग इस तरह की अवैध गतिविधियों में शामिल हैं.

इस तरह करें पहचान

बनावट से कर सकते हैं पहचान
गर्मियों में बाजार में रंग-बिरंगे आमों की भरमार होती है. आम के स्वाद, रंग, खुशबू और बनावट से आप काफी हद तक

पहचान सकते हैं. कि वह नेचुरल रूप से पका है या केमिकल से.

रंग से पहचानें
अगर आम बाहर से एकदम चमकदार पीला और अंदर से सख्त है तो वह केमिकल से पका हो सकता है. नेचुरल आम का रंगथोड़ा अलग होता है.

खुशबू पर ध्यान दें

नेचुरल आम से मीठी और ताजा खुशबू आती है. जबकि केमिकल से पके आम में या तो कोई खुशबू नहीं होती या हल्की तीखी गंध आ सकती है.

स्वाद से फर्क समझें

केमिकल से पके आम का स्वाद फीका या अजीब लग सकता है. उसमें मिठास कम होती है.