सऊदी अरब के विदेश राज्य मंत्री आदिल अलजुबेर(Adil Aljubeir) ने एक अनौपचारिक यात्रा के तहत भारत का दौरा किया और 8 मई, 2025 को उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर(S. Jayshankar) के साथ वार्ता की. यह बातचीत भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने पर केंद्रित थी. अलजुबेर की नई दिल्ली यात्रा उस समय हो रही है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच के तनावपूर्ण संबंध और भी बिगड़ गए हैं. यह स्थिति भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकवादी ठिकानों पर किए गए लक्षित हमलों के बाद उत्पन्न हुई है.
डॉ. एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में जानकारी दी कि उन्होंने आज सुबह सऊदी अरब के विदेश राज्य मंत्री आदिल अलजुबेर के साथ एक सकारात्मक बैठक की. इस बैठक में उन्होंने भारत के आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता से मुकाबला करने के दृष्टिकोण को साझा किया.
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची, भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, कल आधी रात को नई दिल्ली पहुंचे. भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उनसे आमने-सामने बातचीत करते हुए स्पष्ट किया कि भारत का उद्देश्य स्थिति को और बिगाड़ना नहीं है, लेकिन यदि भारत पर कोई सैन्य हमला होता है, तो वह पूरी ताकत से जवाब देने के लिए तैयार है. अराघची आज दोपहर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे.
भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले का प्रतिशोध लेते हुए मंगलवार और बुधवार की रात को नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए. इनमें जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का ठिकाना मुरीदके शामिल हैं.
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भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के साजिशकर्ताओं को न्याय के दायरे में लाने के लिए भारत ने सटीक और संतुलित कार्रवाई करने का निर्णय लिया है. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में आतंकवादी ढांचे के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे भारत को यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा.
भारतीय सेना ने जानकारी दी है कि पहले आतंकवादी संगठनों की पहचान की गई और उनकी गतिविधियों पर नजर रखी गई. इसके बाद, उन कैंपों को नष्ट करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया, जहां भारत में हमलों की साजिशें रची जाती थीं. 26/11 मुंबई हमले, सोनमर्ग, गुलमर्ग और पहलगाम के हमलों में शामिल आतंकियों को भी इन्हीं कैंपों में प्रशिक्षण दिया गया था. इसके अतिरिक्त, कश्मीर के पुंछ, रजौरी और कठुआ जैसे क्षेत्रों में ये आतंकवादी गतिविधियों को नियंत्रित करते हैं.
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