जेट एयरवेज का परिचालन पूरी तरह से बंद हो चुका है. कंपनी को तत्काल 1000 करोड़ से ज्यादा की जरूरत, जिसे देने के लिए बैंक तैयार नहीं हैं.
नई दिल्ली. जेट एयरवेज का परिचालन बंद है. कंपनी को तुरंत हजारों करोड़ की जरूरत है, लेकिन बैंकों ने तत्काल राहत देने से मना कर दिया है. एयरलाइन को दोबारा शुरू करने की कोशिशें जारी हैं. तमाम बुरी खबरों के बीच Jet Airways के लिए एक अच्छी खबर आई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, देश के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी जेट में हिस्सेदारी खरीदना चाहते हैं. हालांकि, उनकी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जेट को खरीदने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) नहीं जमा किया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, एतिहाद एयरवेज के जरिए जेट में हिस्सेदारी खरीदने के लिए इच्छुक हैं. वर्तमान में एतिहाद की हिस्सेदारी 24 फीसदी है. कंपनी में जेट को खरीदने के लिए EoI भी जमा किया है. माना जा रहा है कि मुकेश अंबानी इस रास्ते से डूबते जेट को उबारने का काम करेंगे और एतिहाद की हिस्सेदारी जेट एयरवेज में 49 फीसदी हो जाएगी.
एविएशन फील्ड में FDI के नियमों की बात करें तो 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने में एतिहाद को किसी परमिशन की जरूरत नहीं होगी. इससे ज्यादा हिस्सेदारी खरीदने के लिए सरकार से अनुमति की जरूरत होगी.
इस बीच जेट के कर्मचारी वित्त मंत्री अरुण से मिले. वित्त मंत्री ने मदद का भरोसा दिया. कर्मचारियों ने कहा कि वे कंपनी के साथ इस कठिन समय में खड़े हैं, लेकिन उन्हें फिलहाल कम से कम एक महीने की सैलरी चाहिए. उनपर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है, अब तो घर चलने में भी परेशानी हो रही है, जिसकी वजह से कम से कम एक महीने की सैलरी उन्हें चाहिए. सभी कर्मचारियों को एक महीने की सैलरी के लिए 170 करोड़ रुपये की जरूरत होगी.