नई दिल्ली। पाकिस्तान से जारी तनाव के बीच भारत में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों पर लगातार कार्रवाई जारी है। भारत इन्हें न सिर्फ चुन-चुनकर गिरफ्तार कर रहा है बल्कि वापस उन्हें अपने मूल देश भी भेज रहा है। इसी कड़ी में असम के एक डिटेंशन कैम्प से रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को वापस उनके देश भेजा गया है। कुछ रोहिंग्याओं को अंडमान निकोबार से समुद्र के रास्ते भी भेजा गया है।

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने राज्य के एक डिटेंशन कैंप से घुसपैठियों के भेजे जाने की पुष्टि की है। हालांकि, इस मामले में रोहिंग्या घुसपैठियों के समर्थक सुप्रीम कोर्ट भी पहुँच गए हैं।

डेक्कन हेराल्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, असम के मटिया डिटेंशन कैम्प में रखे गए 102 रोहिंग्या को बांग्लादेश के रास्ते भेजा गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि उन्हें पहले बसों में भर कर त्रिपुरा ले जाया गया और इसके बाद सीधा उनके मूल देश यानि बांग्लादेश भेज दिया गया। मटिया कैम्प असम के गोलपाड़ा जिले में हैं और देश का सबसे बड़ा डिटेंशन कैम्प है।

इस कार्रवाई की पुष्टि असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने हाल ही में की थी। शनिवार (9 मई, 2025) को CM सरमा ने कहा था कि मटिया कैम्प में अब मात्र 30-40 लोग बचे हैं और बाकी को बांग्लादेश में वापस भेज दिया गया है।

उन्होंने कहा, “अब मटिया में केवल वही लोग हैं जिन्हें विदेशी घोषित किया जा चुका और उनका मुकदमा चल रहा है। उनके अलावा कैम्प से बाकी सभी लोग बांग्लादेश वापस चले गए हैं। यह भारत सरकार द्वारा किया गया एक ऑपरेशन था। असम ने भी इसमें हिस्सा लिया था।”

उन्होंने आगे बताया, “देश के अलग-अलग हिस्सों में पहचाने गए लोगों के साथ-साथ असम में घुसपैठिए के रूप में पहचाने गए लोगों को भी वापस धकेल दिया गया है। रोहिंग्या भी वापस चले गए हैं… मटिया अब लगभग मुक्त हो गया है और 30-40 लोग बचे हैं।”

सरमा ने बताया कि अब कानूनी दांवपेंच से छुटकारा पाने को उन्हें बॉर्डर से ही वापस भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “पहले हम उन्हें हिरासत में लेते थे, मामला दर्ज करते थे, अदालत में पेश करते थे और जेल में डाल देते थे। लेकिन अब हमने फैसला किया है कि हम उन्हें अंदर नहीं लाएँगे और उन्हें सीमा से ही वापस खदेड़ देंगे।”

वहीं डेक्कन हेराल्ड की ही रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली पुलिस ने भी रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के खिलाफ ऑपरेशन चालू कर रखा है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली पुलिस ने 40 रोहिंग्या घुसपैठियों को पकड़ कर अंडमान के रास्ते समुद्र में छोड़ दिया हैं ताकि वह म्यांमार वापस पहुँच सकें। रिपोर्ट में बताया गया कि यह कार्रवाई 7 मई, 2025 को की गई।

इस कार्रवाई की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। हालाँकि, इसको लेकर एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में पड़ गई है। रोहिंग्या घुसपैठियों के समर्थन में मोहम्मद इस्माइल ने यह याचिका दायर की है। मोहम्मद इस्माइल ने दावा किया है कि दिल्ली पुलिस ने 43 रोहिंग्या को बायोमेट्रिक जानकारी लेने के नाम पर अपने साथ लिया और बाद में उन्हें अंडमान के रास्ते समुद्र में भेज दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को लेकर अभी कोई आदेश नहीं दिए हैं। इस पर सुनवाई 31 जुलाई, 2025 को होनी है। एक और रिपोर्ट में बताया गया है कि BSF ने 78 बांग्लादेशी घुसपैठियों को सुंदरबन के जंगल में छोड़ दिया है और उन्हें बांग्लादेशी सुरक्षाबलों ने बरामद किया है।

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