गोरखपुर जू के ‘पटौदी’ शेर की गुरुवार को मौत हो गई. बीते कुछ दिनों से वह बीमार चल रहा था. इलाज के लिए उसे कानपुर के चिड़ियाघर रेफर किया गया था. पटौदी के लिवर और पैंक्रियास में गंभीर संक्रमण पाया गया था. इधर गोरखपुर जू में बर्ड फ्लू के चलते प्रदेश के सभी चिड़ियाघरों को 20 मई तक बंद करने का फैसला लिया गया है. हालांकि चिड़ियाघरों को बंद करने का फैसला गोरखपुर जू में बीते दिनों बाघिन की एच-5 एवियन इन्फ्लुएंजा से मौत होने के बाद लिया गया था. बुधवार को जू से 13 सैंपल जांच के लिए राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान, भोपाल भेजे गए हैं. जिसकी रिपोर्ट का इंतजार है.

गोरखपुर स्थित शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में एक बाघिन की मौत हो गई थी. जिसके बाद सैंपल भोपाल NISHAD लैब भेजे गए थे. रिपोर्ट में H-5 वायरस की पुष्टि हुई थी. जिसके बाद एहतियातन 14 मई से 20 मई तक जू बंद रखने का फैसला लिया गया. इतना ही नहीं सीएम योगी ने अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी और निर्देश दिए थे कि प्रदेश के सभी प्राणी उद्यानों में संरक्षित पशु-पक्षियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं.

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जूनागढ़ में हुआ था पटौदी का जन्म

पटौदी का जन्म गुजरात के जूनागढ़ स्थित सक्करबाग प्राणी उद्यान में हुआ था. 26 सितंबर 2019 को उसे इटावा लायन सफारी लाया गया था. फरवरी 2021 में इटावा से उसे शेरनी मरियम के साथ गोरखपुर लाया गया. तब उसकी उम्र करीब 8 साल थी. यहां उसे रोज लखनऊ से मंगवाया गया ताजा मांस खिलाया जाता था. गुरुवार को 17 साल के पटौदी की मौत हो गई.

बता दें कि गोरखपुर जू सीएम योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है. चिड़ियाघर के कई वन्यजीवों का नाम सीएम ने ही रखा है. बीते एक महीने में यहां एक बाघ, एक बाघिन, एक तेंदुआ और एक भेड़िए की मौत हो चुकी है.