26/11 मुंबई आतंकी हमले में आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा(Tahawwur Rana) को अमेरिका से प्रत्यर्पित करने के बाद तिहाड़ जेल(Tihad Jail) में अत्यधिक संवेदनशील कैदियों के लिए विशेष रूप से बनाए गए वार्ड में रखा गया है. इस वार्ड में 6 अन्य खतरनाक कैदी भी मौजूद हैं, लेकिन सभी को अलग-अलग सेल में रखा गया है, जिससे उनका आपस में कोई संपर्क नहीं हो पाता. स्पेशल एनआईए कोर्ट के जज चंदर जीत सिंह ने पिछले सप्ताह राणा को 6 जून तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया. इससे पहले, एनआईए ने उसकी आवाज और लिखावट के नमूने एकत्र किए थे. राणा को तिहाड़ जेल में कैदी संख्या 1784 के रूप में दर्ज किया गया है.

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तिहाड़ जेल के एक अधिकारी ने बताया कि उसे एक विशेष वार्ड में रखा गया है, जहां अन्य कैदियों का प्रवेश वर्जित है. उसकी 24 घंटे निगरानी की जा रही है और वह आत्महत्या की निगरानी पर भी है. उसकी सेल में CCTV कैमरे स्थापित हैं. इसके अलावा, उसके लिए एक अलग रसोइया नियुक्त किया गया है, और खाना देने से पहले जेल का स्टाफ स्वयं उसका स्वाद चखकर उसकी गुणवत्ता की जांच करता है.

किताबें और वेस्टर्न टॉयलेट की मांग

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, एक जेल सूत्र ने बताया कि राणा केवल अंग्रेजी में संवाद करता है. उसने दो विशेष मांगें की हैं: किताबें पढ़ने की अनुमति और वेस्टर्न टॉयलेट की सुविधा. उसे छह कंबल दिए गए हैं, जिनमें से तीन बिस्तर पर बिछाने के लिए हैं, और इसके साथ एक पंखा भी उपलब्ध कराया गया है.

सुबह 7 बजे उसे चाय, बिस्कुट, ब्रेड और दलिया दिया जाता है. दोपहर के खाने में दाल, चावल और सब्जी परोसी जाती है, और रात का भोजन भी इसी प्रकार का होता है. एक अधिकारी ने बताया कि वह अधिक मात्रा में भोजन नहीं कर रहा है.

राणा को 10 अप्रैल को अमेरिका से प्रत्यर्पित किया गया था. वह लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख सहयोगियों में से एक, डेविड हेडली का करीबी साथी है और मुंबई हमलों की योजना में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. राणा और हेडली ने पाकिस्तान में एक साथ पढ़ाई की थी, और उसने 26/11 की साजिश के लिए आवश्यक लॉजिस्टिक सहायता प्रदान की थी.