रंजीत कुमार सम्राट/ लखीसराय। जिला के सूर्यगढ़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत मानो गांव की एक महिला बीते 25 दिनों से अपनी नाबालिग बेटी की बरामदगी के लिए थाने का चक्कर लगा रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है। पीड़िता ममता देवी का आरोप है कि उन्होंने 22 अप्रैल को अपनी 15 वर्षीय बेटी के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस अब तक हाथ पर हाथ रखे बैठी है।

शाम तक जब वह घर नहीं लौटी

ममता देवी ने बताया कि उनकी बेटी 22 अप्रैल को दोपहर में अपनी सहेली से मिलने की बात कहकर घर से निकली थी, लेकिन शाम तक जब वह घर नहीं लौटी, तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की। इस दौरान उन्हें जानकारी मिली कि उनकी बेटी गांव के ही अंकित कुमार (पिता मनोज सिंह) से मोबाइल पर बात करती थी। जब वे इस बारे में पूछताछ के लिए अंकित के घर पहुंचे, तो आरोप है कि उसके परिजनों ने गाली-गलौज कर भगा दिया और धमकी दी कि “अब तुम्हारी बेटी कभी वापस नहीं आएगी, जो करना है कर लो।”

न्याय की गुहार लगाई

इस घटना के बाद पीड़िता ने सूर्यगढ़ा थाना में अंकित कुमार को नामजद करते हुए अपहरण का मामला दर्ज कराया। लेकिन 25 दिन बीत जाने के बावजूद भी पुलिस ने कोई गिरफ्तारी नहीं की और न ही कोई ठोस सुराग लगाया है। थक-हार कर अब पीड़िता ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है।

बेटी की बरामदगी जल्द हो सकती है

पीड़िता का कहना है कि अगर नामजद अभियुक्त को गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ की जाए, तो उनकी बेटी की बरामदगी जल्द हो सकती है। उन्होंने कहा कि पुलिस की उदासीनता के कारण उनका परिवार गहरे मानसिक तनाव में है और हर दिन उन्हें किसी अनहोनी की आशंका सताती रहती है।

बच्ची की खोजबीन की जा रही

इस पूरे मामले पर सूर्यगढ़ा थानाध्यक्ष भगवान राम ने कहा है कि तकनीकी माध्यमों (आईटी सहायता) से लापता बच्ची की खोजबीन की जा रही है और जल्द ही उसे ढूंढ़ निकाला जाएगा।
हालांकि, पुलिस की सुस्ती इस बात की ओर इशारा करती है कि बिहार में महिला और बालिकाओं की सुरक्षा के दावों की सच्चाई अभी भी सवालों के घेरे में है।