Calcutta High Court Report On Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के TMC नेता ने मुर्शिदाबाद हिंसा हिंसा कराई थी। ये खुलासा कलकत्ता हाईकोर्ट कमेटी की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार हिंसा के दौरान प्लान के तहत हिंदू समुदाय (Hindu Community) को निशाना बनाया गया था। अप्रैल 2025 में मुर्शिदाबाद में सांप्रदायिक हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट की तरफ से गठित जांच समिति ने गंभीर खुलासे किए हैं। इसमें कहा गया है कि हिंसा में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) के स्थानीय नेता की भूमिका थी। हमलों का नेतृत्व स्थानीय पार्षद महबूब आलम ने किया था।
रिपोर्ट के अनुसार हिंसा के दौरान प्लान के तहत हिंदू समुदाय को निशाना बनाया गया था। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में हिंसा के दौरान पुलिस के लिए गए एक्शन और कार्यशैली पर भी सवाल उठाया है। इस दौरान स्थानीय पुलिस पूरी तरह से निष्क्रिय रही। पीड़ितों ने कई बार पुलिस को कॉल किया, लेकिन कोई मदद नहीं पहुंची।
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दरअसल, 17 अप्रैल को हाईकोर्ट ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। इसमें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के एक-एक सदस्य शामिल थे। पश्चिम बंगाल में 11-12 अप्रैल को नए वक्फ बोर्ड कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड़ उग्र हो गई थी। इसके बाद मुर्शिदाबाद में हिंसा हुई। इसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हुए थे।

बंगाल गवर्नर गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेज चुके
पश्चिम बंगाल के गवर्नर सी. वी. आनंद बोस ने 4 मई को मुर्शिदाबाद दंगे पर गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें कट्टरपंथ और उग्रवाद को पश्चिम बंगाल के लिए बड़ा खतरा बताया था। गवर्नर ने कहा था कि बंगाल को दोहरा खतरा है, खासतौर पर बांग्लादेश से सटे मुर्शिदाबाद और मालदा जिलों में ज्यादा है, क्योंकि यहां हिंदू आबादी अल्पसंख्यक हैं। उन्होंने नॉर्थ दिनाजपुर को भी संवेदनशील जिला बताया था।

गवर्नर ने मुर्शिदाबाद हिंसा को बताया था प्री-प्लांड
बंगाल गवर्नर ने दावा किया था कि मुर्शिदाबाद हिंसा पहले से ही प्लान की गई थी। राज्य सरकार को पहले से खतरे का अंदेशा था, क्योंकि 8 अप्रैल को वक्फ (अमेंडमेंट) एक्ट जारी होने के तुरंत बाद हिंसा भड़क गई और राज्य सरकार ने उसी दिन इंटरनेट बंद कर दिया। उन्होंने कहा था कि राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में कोऑर्डिनेशन की बड़ी कमी दिखी। इसी वजह से केंद्र को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए संवैधानिक विकल्प तलाशने की सिफारिश की है।
हिंसा के मामले में 100 से ज्यादा FIR, 276 लोग गिरफ्तार
हिंसा मामले में अबतक 100 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हो चुकी है। वहीं 276 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पश्चिम बंगाल पुलिस की SIT ने हिंसा मामले में 21 अप्रैल को ओडिशा के झारसुगुड़ा से 16 लोगों को गिरफ्तार किया था। ये सभी झारसुगुड़ा जाकर छिपे थे। पश्चिम बंगाल पुलिस STF और SIT ने मिलकर जॉइंट ऑपरेशन चलाया। अधिकारियों ने CCTV फुटेज और मोबाइल टावर रिकॉर्ड बरामद किए। इनसे क्राइम सीन पर इनकी मौजूदगी की बात कन्फर्म हुई।
मास्टरमाइंड जियाउल हक समेत उसके दोनों बेटे गिरफ्तार
पुलिस ने हिंसा का मास्टरमाइंड जियाउल हक समेत उसके दोनों बेटों सफाउल हक और बानी इसराइल को गिरफ्तार किया है। इन पर हिंसा भड़काने का आरोप है। इसके अलावा हिंसा में मारे गए हरगोबिंदो दास और चंदन दास की हत्या मामले में पुलिस ने कालू नादर, दिलदार, इंजमाम उल हक को मुराराई और जियाउल शेख को अरेस्ट किया है।
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