सोनभद्र. मंठहवां गांव में डायरिया फैलने से एक युवक की मौत हो गई है. वहीं 15 लोग बीमारी से पीड़ित हैं, जिनको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. युवक की मौत के बाद ग्रामीणों मे प्रशासन के खिलाफ खासा नाराजगी देखने को मिल रहा है. लोगों ने स्वास्थ्य अमले पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है, जिसकी वजह से युवक की मौत हुई है. ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर गरीब की जान की कोई कीमत नहीं है? सवाल तो ये भी है कि क्या योगी सरकार के सुशासन में ऐसे लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया जाएगा?

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बता दें कि चतरा ब्लॉक के मंठहवा गांव में डायरिया का प्रकोप देखने को मिल रहा है. कुएं का गंदा पानी पीने की वजह से लोग बीमार पड़ रहे हैं. बीते 2 दिनों से ग्रामीणों को उल्टी-दस्त की समस्या हुई. ठीक न होने पर लोगों ने स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दी, 36 घंटे बीत जाने के बाद भी कोई जिम्मेदार मौके पर नहीं पहुंचा. जिसकी वजह से रात में एक युवक की मौत हो गई.

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वहीं सुबह एक एंबुलेंस के साथ स्वास्थ्य कर्मी पहुंचे और लगभग 1 दर्जन से अधिक लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चतरा में भर्ती कराया. ग्रामीणों का आरोप है कि अगर समय पर विनय धांगर को इलाज मिल जाता तो उसकी जान बच जाती. इस पूरे मामले में अब तक किसी जिम्मेदार का बयान सामने नहीं आया है.