राजकुमार दुबे, भानुप्रतापपुर। कहते हैं, बारिश सच्चाई उजागर कर देती है और कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर क्षेत्र में यही देखने को मिला। यहां महज आधे घंटे की बारिश ने लोक निर्माण विभाग (PWD) की कार्यशैली और करोड़ों की लागत से हुए निर्माण कार्यों की असलियत सामने ला दी। जिन सड़कों को ‘विकास’ की तस्वीर बताया जा रहा था, वह चंद बूंदों में ढह गई। ताज़ा तस्वीरें बता रही हैं कि किस तरह लोक निर्माण विभाग की लापरवाही और निर्माण कार्यों में गुणवत्ता की अनदेखी लोगों की जान पर भारी पड़ रही है।

हम आपको दो तस्वीरें दिखा रहे हैं, जो सिस्टम की नाकामी को उजागर करती है।
पहली तस्वीर
ज़रा सा पानी गिरा और ग्राम कच्चे से अंतागढ़ तक 1 अरब 50 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित सड़क पर गड्ढा हो गया। बता दें यह पानी लगातार दिन भर या रात भर नहीं गिरा, सिर्फ आधे घंटे गिरा और आधे घंटे में ही एक महीने पहले बनकर पूरी हुई सड़क का यह हाल है।

दूसरी तस्वीर
दूसरी तस्वीर भानुप्रतापपुर से पखांजूर की ओर जाती है। ग्राम केवटी में इस सड़क पर ज़रा सी बारिश में इस तरह पानी भर गया कि लोग लगातार उसमें गिर रहे हैं, उसमें गड्ढे हो गए हैं और यह जो सज्जन इस तस्वीर में दिख रहे हैं, वह अपनी बाइक की चाबी पानी में ढूंढ रहे हैं। क्योंकि चाबी गिर गई है। छोटे वाहन वाले लगातार गिरते हैं, परंतु प्रशासन मौन है।

गौर करने वाली बात यह है कि कांकेर जिले के प्रभारी मंत्री खुद लोक निर्माण विभाग के मंत्री अरुण साव ही हैं। उन्होंने सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार के मामले, जैसे रायपुर और मुंगेली में जिम्मेदारों पर कार्रवाई भी की है। अब देखने वाली बात होगी कि वे इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं। हालांकि ध्यान देने वाली बात यह भी है कि निर्माण कार्य में इस तरह की लापरवाही करने से अधिकारी और ठेकेदार बाज क्यों नहीं आ रहे हैं।
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