कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। प्रधानमंत्री ई-बस सेवा () का मध्य प्रदेश के 6 शहरों में शामिल ग्वालियर में भी संचालन शुरू होना है। लेकिन शहर के अंदर इनके संचालन में मौजूदा ट्रैफिक हालात, सड़कों की चौड़ाई और अन्य कारण बड़ी चुनौती बने हुए है। हालांकि प्रशासन इन चुनौतियों से पार पाने की कवायद में जुटा हुआ है। पढ़ें स्पेशल रिपोर्ट…
स्मार्ट सिटी ग्वालियर शहर में PM ई-बस सेवा के तहत 100 बसों का संचालन होना है। इनमें 09 मीटर लम्बी 60 इलेक्ट्रॉनिक बसें पहले फेज में चलाई जानी है। लेकिन शहरवासियों को फिलहाल इस सेवा का लुफ्त उठाने के लिए इंतजार करना होगा। क्योंकि शहर में बसों के संचालन के लिए पहले रूट सर्वे में ही कई चुनौतियां प्रशासन के सामने आई है। जिसके चलते इनका संचालन शुरुआती दौर में ही बड़ा चैलेंज बना हुआ है। आइये आपको उन चुनौतियों से रूबरू कराते है, जिन्हें पार पाने पर ही बसों का संचालन संभव है…
- शहर में मौजूदा बदहाल ट्रैफिक सिस्टम।
- सड़कों पर मौजूद बड़ी संख्या में ई-रिक्शों के पहले से बिगड़े हुए रूट।
- ऑटो टेम्पो चालक पूर्व में ई-रिक्शा की संख्या बढ़ने पर आंदोलन कर विरोध जता चुके है। ई-बसे भी उनके लिए बिजनेस कॉम्पटीशन बढ़ाएंगी।
- ई-रिक्शा, ओटो, टैम्पो की तुलना में ई-बसों में किफायती टिकट दर तय करना।
- शहर के मुख्य चौक चौराहों पर हाथ ठेला सहित स्थायी कांक्रीट अतिक्रमण हटाना।
- बस स्टॉप सहित अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर अभी तैयार ही नहीं हुआ।
- पूर्व में स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन द्वारा सिटी बस सेवा पूरी तरह से धराशाई हो चुकी है।

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शहरवासियों का कहना है कि अगर शहर में PM ई-बस सेवा शुरू होती है तो यह बड़ी सौगात होगी। क्योंकि इससे शहर में बढ़ने वाले वायु प्रदूषण में भी इससे काफी कमी आएगी। साथ ही अच्छा सिटी ट्रांसपोर्ट उपलब्ध हो सकेगा, लेकिन इन सबसे पहले प्रशासन को उनके सामने मौजूद चुनौतियों की परीक्षा को पास करना होगा।
निगम आयुक्त ने कही ये बात
ग्वालियर निगम आयुक्त संघ प्रिय का कहना है कि पीएम ई-बस सेवा का संचालन होना है। इसको लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। वह बसों में खुद बैठकर शहर में इनके संचालन के लिए रूट तय कर रहे हैं। इस दौरान उनके सामने जो भी चुनौतियां नजर आ रही हैं, उन्हें नोट डाउन किया जा रहा है। साथ ही कहां पर बस स्टॉप तैयार होने हैं, इसको भी चिन्हित किया जा रहा है। इसकी विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर आगे बस स्टॉप सहित अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा।
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मुख्य सचिव खुद कर रहे इस प्रोजेक्ट की निगरानी
शहरवासी इस सेवा का लुफ्त उठाने उम्मीद लगाए बैठे हैं। वहीं प्रशासन चुनौतियों से पार पाने की कवायद में जुटा हुआ है। बहरहाल मामला प्रधानमंत्री ई-बस सेवा का है, मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव खुद इस प्रोजेक्ट की निगरानी कर रहे हैं। ऐसे में यदि यह प्रोजेक्ट धरातल पर उतरता है तो शहरवासियों को लोकल सिटी ट्रांसपोर्ट की बेहतर सुविधा जरूर मिल पाएगी।
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